नयी दिल्ली. जहाँ दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में पतंजलि की कोरोनिल (Coronil) दवा पेश किए जाने को लेकर IMA के आलोचनात्मक बयान पर अपनी आपत्ति जतायी है। वहीं अब कोरोनिल और WHO के मुद्दे पर अब आचार्य बालकृष्ण (Baalkrishna) भी सफाई देते नजर आ रहे हैं। यही नहीं इस मूदे पर उन्होंने आज कहा कि, “WHO-GMP के अनुसार उनकी कोरोनिल दवाई को CoPP लाइसेंस प्राप्त हुआ है और इसमें कोई भी हानी नहीं है। “
दरअसल इस मुद्दे पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण आज ट्वीट करते हुए कहा की, आज की महामारी में, कोरोनिल ने WHO-GMP, CoPP लाइसेंस प्राप्त करके, आयुर्वेद का डंका पूरे विश्व में बजा दिया है। अब इसके चलते आयुर्वेद की विरोधियों में खलबली मची है। आप भी जानिए की सच क्या है। “
आज की महामारी में, #कोरोनिल ने #WHO-GMP, #CoPP लाइसेंस प्राप्त करके, #आयुर्वेद का डंका पूरे विश्व में बजा दिया है। आयुर्वेद की विरोधियों में खलबली मची है। जानिए सच क्या है
Facts Check Response to #IMA on #Coronil https://t.co/yF5aSBLu7m pic.twitter.com/kqCNkPp0It— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) February 24, 2021
दरअसल बीते 19 फरवरी को योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने ‘कोरोनिल’ (Coronil) नामक एक दवा को फिर लांच किया था। वहीं इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव के साथ केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) और नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) भी उनके साथ मौजूद थे। इसके साथ ही बाबा रामदेव ने ‘कोरोनिल’ को लेकर एक बड़ा दावा किया था कि जिसमे उन्होंने कहा था कि यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से प्रमाणित है।
.@WHO has not reviewed or certified the effectiveness of any traditional medicine for the treatment #COVID19.
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) February 19, 2021
लेकिन इसके उलट बाबा रामदेव के इस दावे के बाद WHO ने भी अपना बयान जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने कोरोना की किसी भी पारंपरिक दवा को अभी तक कोई भी मंजूरी नहीं दी है। वहीं इन सबके के बाद बाबा रामदेव पर कड़ी से कड़ी कारवाई किये जाने को लेकर ट्वीटर पर ट्रेंड होने लगा।इसके साथ ही ट्वीटर पर #ArrestRamdev का हैशटैग भी ट्रेंड होने लगा।
#ArrestRamdev
Trending at No.1
Thank You Friends. 🙏 pic.twitter.com/j7vQuTxv2h— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) February 22, 2021
उधर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से प्रमाणपत्र मिलने के झूठ पर सोमवार को हैरानी जताते हुए केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन से स्पष्टीकरण मांगा था। हर्षवर्धन की उपस्थति में ही यह दवा पेश (लॉन्च) की गई थी। पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल दवा कोरोना को ठीक कर सकती है और साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि की गई है।
IMA की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया, “देश का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है। क्या आप इस कोरोना रोधी उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल की समयसीमा बता सकते हैं?” आईएमए ने कहा, “देश मंत्री से स्पष्टीकरण चाहता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को स्वतः संज्ञान लेने के लिए भी पत्र लिखेगा। यह भारतीय चिकित्सा परिषद के नियमों का उल्लंघन है।”
गौरतलब है कि WHO ने स्पष्ट किया है कि उसने किसी भी पारंपरिक औषधि को कोविड-19 के उपचार के तौर पर प्रमाणित नहीं किया है। योग गुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने 19 फरवरी को कहा था कि डब्ल्यूएचओ की प्रमाणन योजना के तहत कोरोनिल टेबलेट को आयुष मंत्रालय की ओर से कोविड-19 के उपचार में सहायक औषधि के तौर पर प्रमाण पत्र मिला है।
हालांकि, पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बाद में ट्वीट कर सफाई दी थी और कहा था, “हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि कोरोनिल के लिए हमारा डब्ल्यूएचओ जीएममी अनुपालन वाला सीओपीपी प्रमाण पत्र डीजीसीआई, भारत सरकार की ओर से जारी किया गया। यह स्पष्ट है कि डब्ल्यूएचओ किसी दवा को मंजूरी नहीं देता। डब्ल्यूएचओ विश्व में सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने के वास्ते काम करता है।”