उत्तर प्रदेश: मुजफ्फरनगर की एक स्थानीय अदालत ने 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के मामले में उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा(Suresh Rana) , भाजपा विधायक संगीत सोम(Sangeet Som) , पूर्व भाजपा सांसद भारतेंदु सिंह (Bharatendu Singh) और विहिप नेता साध्वी प्राची (Sadhvi Prachi)समेत 12 भाजपा नेताओं के खिलाफ हिंसा भड़काने का मामला वापस लेने की अनुमति दे दी है। विशेष न्यायालय (Court) के न्यायाधीश (The Judge) राम सुध सिंह (Ram Sudh Singh)ने सरकारी वकील (Government Lawyer) को शुक्रवार (Friday) को मामला वापस लेने की अनुमति दे दी।
जिला सरकार के वकील राजीव शर्मा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने एवं लोक सेवक को कर्तव्य करने से रोकने के संबंध में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।आरोप है कि इन लोगों ने एक महापंचायत में भाग लिया और अगस्त 2013 के आखिरी सप्ताह में अपने भाषणों के जरिए हिंसा भड़काई थी।
2013 Muzaffarnagar riots: Special MP-MLA Court allows withdrawal of cases against 51 named accused, including UP minister Suresh Rana, BJP MLA Sangit Som, former BJP MP Bhartendu Singh, and VHP leader Sadhvi Prachi
— ANI UP (@ANINewsUP) March 27, 2021
सरकारी वकील ने अदालत में याचिका दायर की थी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भाजपा नेताओं के खिलाफ अभियोग आगे नहीं बढ़ाने का जनहित में फैसला किया है और अदालत को इस मामले को वापस लेने की याचिका मंजूर करनी चाहिए। मुजफ्फरनगर और उसके पड़ोसी जिलों में 2013 में साम्प्रदायिक दंगों में कम से कम 62 लोगों की मौत हो गई थी और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे।