Hemant Soren
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    रांची: झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि राज्य को मिलने वाले टीके में से निजी अस्पतालों का कोटा पूर्व में तय 25 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया जाये और 95 प्रतिशत टीके राज्य सरकार को दिये जायें क्योंकि निजी क्षेत्र के अस्पतालों में न तो टीकाकरण को लेकर उत्साह है और न ही राज्य की अधिकतर जनता पैसा देकर टीका लगवाने की स्थिति में है। 

    राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण सिंह की ओर से केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि राज्य की जनता गरीब है और आदिवासी तथा पिछड़े समाज से है,ऐसे में 95 प्रतिशत टीके राज्य सरकार को उपलब्ध कराने से राज्य में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ेगी। अरुण सिंह ने बताया कि उन्होंने दोबारा केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि वर्तमान परिस्थितियों में अधिकतर टीके राज्य सरकार को ही दिये जाने आवश्यक हैं क्योंकि राज्य में लोगों को लगाने के लिए टीके की कमी पड़ रही है वहीं निजी क्षेत्र के अस्पतालों में टीके खरीदने को लेकर लोगों में कोई खास रुचि नहीं है। 

    ओडिशा सरकार द्वारा पूर्व में केन्द्र को लिखे इसी तरह के पत्र की तर्ज पर 28 जून के अपने पत्र में भी झारखंड सरकार ने केंद्र से कहा था कि झारखंड में 75 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं, जहां निजी अस्पतालों की संख्या काफी कम है। इन सभी का टीकाकरण सरकारी स्तर पर ही संभव है। 

    वहीं, राज्य में 37 प्रतिशत से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे की श्रेणी में है जो राशि का भुगतान कर टीकाकरण कराने में सक्षम नहीं हैं। (एजेंसी)