नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रविवार को दशहरा के मौके पर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (Siliguri) में एक अहम सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा की। इस सैन्य केंद्र पर सिक्किम सेक्टर में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा की जिम्मेदारी है।
विजयादशमी पर्व पर आयोजित शस्त्रपूजन समारोह में भाग ले रहा हूँ। हमसे जुड़िए https://t.co/sNQyKUm9f0
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 25, 2020
जब रक्षा मंत्री भारतीय सेना की 33 कोर के सुकना स्थित मुख्यालय में पूजा कर रहे थे, उस समय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे तथा सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि सिंह को सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ऊंचाई वाले सीमावर्ती इलाके शेरथांग में पूजा करने का कार्यक्रम था, लेकिन वह खराब मौसम की वजह से वहां नहीं जा सके। रणनीतिक तौर पर अहम सैन्य अड्डे पर सिंह ने ऐसे समय शस्त्र पूजा की है जब भारत और चीन के बीच बीते पांच महीने से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में गतिरोध चल रहा है।
भारतीय सेना के जवानों से भेंट करके मुझे हमेशा बेहद ख़ुशी होती है। उनका मनोबल बहुत ऊँचा रहा है, इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
भारत चाहता है कि तनाव ख़त्म हो और शांति स्थापित हो। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ कि हमारी सेना भारत की एक इंच ज़मीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देगी। pic.twitter.com/jS3GHa4fni
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 25, 2020
गतिरोध का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि भारत तनाव को खत्म करना और शांति बहाल करना चाहता है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए समर्पित हैं और वे देश की भूमि का एक इंच भी किसी को लेने नहीं देंगे।
उन्होंने कहा, ” भारत तनाव खत्म करना और शांति बहाल करना चाहता है। मुझे पूरा यकीन है कि हमारी सेना भारत की एक इंच भी भूमि अन्य के हाथों में नहीं पड़ने देगी।” सिंह दशहरा पर पिछले कई साल से शस्त्र पूजा कर रहे हैं। उन्होंने राजग की पिछली सरकार के कार्यकाल में गृह मंत्री रहने के दौरान भी यह पूजा की थी। भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव के मद्देनजर बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में स्थित एलएसी पर सतर्क है।
#WATCH West Bengal: Defence Minister Rajnath Singh inspects a Tavor assault rifle at Sukna War Memorial in Darjeeling. https://t.co/CfgqAgplWY pic.twitter.com/8X2uzOipwc
— ANI (@ANI) October 25, 2020
दोनों पक्षों ने इस गतिरोध को खत्म करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ताएं की हैं लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। रक्षा मंत्री शनिवार को 33वीं कोर के सुकना स्थित मुख्यालय पहुंच थे। जवानों के एक समूह को शनिवार शाम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था कि भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन समय-समय पर ऐसे हालात पैदा हुए जब देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उसके सशस्त्र बलों को सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा। रक्षा मंत्री ने सैन्य अड्डे पर उच्च स्तरीय बैठक के दौरान सेना की तैयारियों की समीक्षा भी की।