नयी दिल्ली. अभी आ रही खबर के अनुसार दिल्ली पुलिस ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिसमे माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष समेत कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम दिल्ली दंगों के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शामिल होने की बात की गई है।
It is clarified that Sitaram Yechury, Yogendra Yadav and Jayati Ghosh have not been arraigned as accused in the supplementary chargesheet (of Delhi violence case) filed by us: Delhi Police
— ANI (@ANI) September 13, 2020
As far as tweet by a news agency regarding Delhi Police naming academicians&politicians in supplementary charge sheet of case related to Jaffrabad riots is concerned,it’s mentioned in one of online news agency report that names are part of disclosure statement…:Delhi Police 1/3
— ANI (@ANI) September 13, 2020
दरअसल सवाल उठने पर दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई में जारी बयान में कहा है कि, ‘जाफराबाद दंगों से संबंधित मामले की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शिक्षाविदों और राजनेताओं का नाम आना चिंतित करने वाला है। एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शनों को आयोजित करने के मामले में एक आरोपी के डिस्कलोजर में ये नाम सामने आए हैं।
दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया है कि इस बयान को उसी तरह से दर्ज किया गया है, जैसे कि आरोपी ने खुद बताया है। यह बात भी स्पष्ट कि जाती है कि किसी शख्स को किसी के सिर्फ डिस्क्लोजर स्टेटमेंट के आधार पर आरोपी नहीं बनाया जा सकता है। हालांकि पर्याप्त सबूतों के आधार पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल मामला अभी सब-जूडिस है।’
जहरीले भाषण वक्ताओं पर कोई एक्शन क्यों नहीं-येचुरी
अब दिल्ली पुलिस के उक्त चार्जशीट को लेकर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े करते हुए ट्वीट कर पूछा है कि, “दिल्ली पुलिस बीजेपी की केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के नीचे काम करती है। उसकी ये अवैध और ग़ैर-क़ानूनी हरकतें बीजेपी के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के चरित्र को दर्शाती हैं। वो विपक्ष के सवालों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरते हैं, और सत्ता का दुरुपयोग कर हमें रोकना चाहते हैं”।
Delhi Police is under the Centre and Home Ministry. Its illegitimate, illegal actions are a direct outcome of the politics of BJP’s top leadership. They are scared of legitimate peaceful protests by mainstream political parties & are misusing state power to target the Opposition https://t.co/8uGr4x1ylC
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) September 12, 2020
उन्होंने यह भी कहा कि 56 लोग दिल्ली की हिंसा में मारे गए। जहरीले भाषणों का वीडियो भी जब है, तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? क्योंकि सरकार ने आदेश दिया है कि सिर्फ विपक्ष को ही इसमें लपेटा जाए, चाहे किसी भी तरह से। यही है मोदी और बीजेपी का असली चेहरा, चरित्र, चाल और चिंतन। इस विरोध तो होना ही चाहिए।