नयी दिल्ली. आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा आयोजित समारोह का उद्घाटन किया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आयोजित धर्म चक्र दिवस समारोह को संबोधित किया। आपको बता दें कि भारत के संस्कृति मंत्रालय आज शनिवार को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC), धर्म चक्र दिवस के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा मना रहा है ।
Delhi: President Ram Nath Kovind inaugurates the celebrations organised by International Buddhist Confederation (IBC) on the occasion of Asadha Poornima today. pic.twitter.com/lOPHM4sCVt
— ANI (@ANI) July 4, 2020
यह भी प्रासंगिक है कि आज ही के दिन महात्मा बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था। अब इसी मौके पर पूरी दुनिया के बौद्ध, हर साल इसे धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं। वहीं प्राचीन हिंदू धर्म में आज का दिन गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने का होता है और इसे‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है।
इस आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी शुभकामनाएं देशवासियों को दी है। और इसके साथ ही धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस की भी शुभकामनाएं लोगो को दी है। उनका कहना था कि “मैं आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।यह हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया। आज उन्हें हम अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। इसके साथ ही में भगवान् बुद्ध के दिखाए हुए मार्ग का अनुसरण करता हूँ जो करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएँ विचार और क्रिया दोनों में सरलता मनाती हैं ।”
The eight-fold path of Lord Buddha shows the way towards the well-being of many societies and nations. It highlights the importance of compassion and kindness. The teachings of Lord Buddha celebrate simplicity both in thought and action: PM Narendra Modi https://t.co/Ttaj0yWYGl
— ANI (@ANI) July 4, 2020
वहीं इस अवसर पर ख़ास तौर से मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक बहुत विशेष संबोधन भी पढ़ा जाएगा और मंगोलिया में सदियों से संरक्षित भारतीय मूल की एक बहुमूल्य बौद्ध पांडुलिपि, भारत के माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंटस्वरुप दी जाएगी। परपी ख़बरों के अनुसार आज के इस महत्ववपूर्ण दिन पर कई आयोजन भी होने हैं। जैसे कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से शीर्ष बौद्ध धर्मगुरुओं, विशिष्ट जानकारों और विद्वानों के संदेशों को सारनाथ एवं बोधगया से प्रसारित (लाइव स्ट्रीमिंग) किया जाएगा। इस पर ख़ास बात यह होगी की यह सारे कार्यक्रम कोरोना संक्रमण के चलते अब वर्चुअल रूप में होंगे। वहींपूरी दुनिया के लगभग 30 लाख लोग आज लाइव वेबकास्ट के जरिए सभी कार्यक्रमों को देख सकेंगे।