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नई दिल्ली: किसानों (Farmers) के बाद अब देश के डॉक्टर (Doctors) सरकार से नाराज़ हो गए है. केंद्रीय चिकित्सक परिषद (Central Council of Indian Medicine) द्वारा स्नातकोत्तर आयुर्वेद सर्जरी (Ayurveda Doctor) के छात्रों को भी आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का अध्ययन करने और अभ्यास करने की मंजूरी दिए जाने के विरोध में डॉक्टरों ने यह कदम उठाया है। सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) द्वारा जारी किए नोटिस के अनुसार डॉक्टर देश भर में आठ दिसंबर को 10 हजार जगहों पर प्रदर्शन करेंगे।

क्यों हुए नाराज? 

दरअसल, केंद्रीय चिकित्सक परिषद ने पिछले महीने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें उन्होंने एलोपैथी के डॉक्टरों की तरह स्नातकोत्तर आयुर्वेद सर्जरी के छात्रों को भी आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का अध्ययन करने और अभ्यास करने की मंजूरी दे दी है. जिसके तहत अब आयुर्वेद के डाक्टर भी अन्य की तरह ऑपरेशन कर सकेंगे.

जरुरी सेवा छोड़ कर ओपीडी रहेगी बंद 

आईएमए ने जारी अपने पत्र में कहा, “11 दिसंबर को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक गैर-अनिवार्य गैर-सीओवीआईडी ​​सेवाओं को वापस लेने के बाद सार्वजनिक प्रदर्शन किया जाएगा। सभी आपातकालीन सेवाएं कार्य करना जारी रखेंगी। ओपीडी सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी और वैकल्पिक सर्जरी नहीं की जाएगी।”