नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejeriwal) ने केंद्र सरकार (Narendra Modi Goverment) पर ‘घर-घर राशन’ योजना को रोकने का रविवार को आरोप लगाया। केजरीवाल ने एक डिजिटल पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि इस योजना को लागू करने की सारी तैयारियां पूरी हो गई थीं और अगले हफ्ते से इसे लागू किया जाना था लेकिन दो दिन पहले केंद्र सरकार ने योजना पर रोक लगा दी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश 75 साल से राशन माफिया के चंगुल में है और गरीबों के लिए कागज़ों पर राशन जारी होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस आधार पर इस योजना को रोका है कि दिल्ली सरकार ने उससे इसकी मंजूरी नहीं ली। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने ‘घर-घर राशन’ योजना के लिए केंद्र सरकार से पांच बार मंजूरी ली है और कानूनन उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं थी, फिर भी उसने मंजूरी ली, क्योंकि वह केंद्र सरकार के साथ कोई विवाद नहीं चाहते थे।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी, दिल्ली में गरीबों के लिए शुरू होने वाली घर-घर राशन योजना को कृपया मत रोकिए | Press Conference | LIVE https://t.co/gq4dBgQAvO
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 6, 2021
उन्होंने कहा कि अगर पिज्जा की होम डिलीवरी हो सकती है तो राशन का क्यों नहीं? केजरीवाल ने कहा कि मुसीबत के समय भी केंद्र सरकार सबसे लड़ रही है। पश्चिम बंगाल में ममता दीदी से लड़ रही है। झारखंड सरकार से लड़ रही है। महाराष्ट्र सरकार से भी लड़ रही है, लेकिन यह समय लड़ने का नहीं मिलकर काम करने का है।
केजरीवाल ने कहा कि, “मैं इस योजना का सारा क्रेडिट केंद्र सरकार को देने के लिए तैयार हूं, मगर योजना को ना रोका जाए।मैंने जनहित के कामों में हमेशा सरकार का साथ दिया है, इसलिए मेरी प्रधानमंत्री जी से अपील है कि दिल्ली में गरीबों के लिए शुरू होने वाली घर-घर राशन योजना को कृपया मत रोकिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में यह योजना सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए, क्योंकि राशन की दुकानें ‘सुपरस्प्रेडर’ (महामारी के अत्यधिक प्रसार वाली जगह) हैं।