- आंध्र प्रदेश में कांपी धरती, लोग परेशान.
हैदराबाद. एक बड़ी खबर के अनुसार आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की राजधानी हैदराबाद (Hyderabad) में आज यानी सोमवार को सुबह भूकंप (Earhquake) के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं रिक्टर स्केल (Rictor Scale) पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, यह भूकंप तड़के सुबह 5 बजे आया। इसका केंद्र हैदराबाद से 156 किमी दक्षिण में 10 किमी की गहराई पर केन्द्रित था। भूकंप से फिलहाल अब तक किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
6 की तीव्रता वाला भूकंप होते हैं खतरनाक :
पता हो कि भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। तो वहीं उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं।इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का कहलाया जाता है, जबकि 6 की तीव्रता शक्तिशाली भूकंप का संकेत होता है।
क्यों आते हैं भूकंप :
हमारी धरती मुख्य तौर पर 4 परतों से निर्मित है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। पता हो कि इस क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से भी जाना जाता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई रहती है। इसे दुसरे शब्दों में टैकटोनिक प्लेट्स भी कहा जाता है। यही ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं। लेकिन जब ये प्लेट जरुरत से बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे हम भूकंप कहते हैं। वहीं अगर यही भूकंप समुद्र में आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे हम ‘सुनामी’ के नाम से जानते हैं।
कैसे लगता है भूकंप की तीव्रता का अंदाजा :
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से ही लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से भयंकर कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे आगे बड़ी तबाही होती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होगी जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की भीतर बहुत गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता।
भूकंप आने पर आप क्या करें?
- अगर भूकंप के वक्त आप घर के अन्दर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं।
- घर में नौजूद किसी भी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें।
- भूकंप के झटके आने तक आप घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही अपने घर से बाहर निकलें।
- अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हुए हैं हैं तो लेटे रहें, तकिए से अपना सिर जरुर ढक लें।
- घर के सभी बिजली स्विच को तुरंत ऑफ कर दें।
- अगर आप किसी बिल्डिंग में मौजूद हैं तो तुरंत बाहर निकलकर खुले में आ जाएं।
- बिल्डिंग से नीचे आते वक़्त लिफ्ट का बिलकुल भी प्रयोग नहीं करना है।
- अगर बिल्डिंग से नीचे उतरना आन संभव नहीं हो तो, पास ही मौजूद की किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं।
- भूकंप के दौरान अगर आप मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से पहले अपने मुंह को ढंके।
- मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल को आपके जीवित होने के सबूत मिलते रहे।
- अगर आपके पास कोई भी उपाय ना हो तो बस चिल्लाते रहें और हिम्मत बिल्कुल भी ना हारें।
भूकंप की स्थिति के लिए पहले से कैसे हो तैयारी ?
#Earthquake | An earthquake resistant house 🏡 can save your life! pic.twitter.com/facgkQXHP6
— NDMA India | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 🇮🇳 (@ndmaindia) July 19, 2021
- सबसे पहले आपको अपनी एक इमरजेंसी किट जरुर बनाकर रखनी चाहिए जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट-एड की जरुरी चीजें हो।
- घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में अपने जरूरी सामान को बचाने के कुछ उपाय करें।
- अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान जरुर तैयार रखें जिसमें हर व्यक्ति के कामकाज या जिम्मेदारी का भी जिक्र हो। अपने प्लान में घर के सदस्यों को शामिल करें।