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नई दिल्ली. बुधवार की रात 10.42 बजे राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और नोएडा में रिक्टर पैमाने पर 3.2 तीव्रता का भूकंप आया। राष्‍ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप का केंद्र नोएडा से 19 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में ट्रैक किया गया। हालांकि इस भूकंप से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली क्षेत्र में यह नौवां भूकंप है।

इससे पहले 29 मई को दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पंजाब और उत्तर प्रदेश में मध्यम तीव्रता का भूकंप आया था। राष्‍ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई थी।

15 मई को रिक्टर स्केल पर 2.2 तीव्रता वाला भूकंप राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से 13 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में टकराया था। भूकंप का केंद्र उत्तरी दिल्ली में पीतमपुरा था। 10 मई को दिल्ली, नोएडा और आसपास के इलाकों में झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.5 आंकी गई थी।

वहीं अप्रैल महीने में दिल्ली में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप के केंद्र को 8 किलोमीटर की गहराई पर पूर्वोत्तर दिल्ली के वज़ीराबाद में ट्रैक किया गया था।

पिछले डेढ़ महीने में, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में हल्की तीव्रता के 11 झटके देखे गए हैं, जबकि पिछले एक महीने में इनमें से 6 झटके आए हैं, जो दर्शाता है कि निकट भविष्य में दिल्ली-एनसीआर में एक बड़ा भूकंप आ सकता है। इस संबंध में देश के शीर्ष भूवैज्ञानिक ने चेतावनी दी है।

दिल्ली-एनसीआर, विशेष रूप से यमुना नदी के पास के इलाके बहुत नाजुक सतह पर स्थित हैं। यह काफी जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्रों के अंतर्गत आता है। भूवैज्ञानिक की माने तो अगर भूकंप 6 या उससे अधिक की तीव्रता के साथ आता है, तो इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।

एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार आईआईटी, जम्मू के प्रोफेसर चंदन घोष जो भूकंप इंजीनियरिंग के एक विशेषज्ञ हैं। जब दिल्ली में 5.5 या 6 तीव्रता का भूकंप आया तो क्या होगा? इस प्रश्न के जवाब में घोष ने कहा कि, “शुक्रवार (29 मई) को दो झटके जिसने दिल्ली को हिलाकर रख दिया था। इसे रिक्टर पैमाने के 3.2 तीव्रता पर मापा गया था, लेकिन यह थोड़ा अधिक तीव्र था, प्रभाव गंभीर था। रिक्टर पैमाने पर 6.0, दिल्ली में भूकंप का प्रभाव विनाशकारी होगा। कई इमारतें धूल से धंसी होंगी।”