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    नयी दिल्ली. एक बड़ी खबर के मुताबिक और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से मोदी सरकार (Narendra Modi Goverment) पर लगाया गया आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप पर कहा है कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर का होना आचार संहिता का उल्लंघन है। इसी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) से कहा है कि वह चुनावी नियमों का पालन करे। ।

    गौरतलब है कि TMC सांसद डैरेके ओब्रायन ने यह आरोप लगाया था कि कोरोना वैक्सीन प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का विकल्प तलाशने का भी एक आदेश दिया है।

    क्या था मुद्दा:

    वहीं मीडिया सूत्रों के मुताबिक और आयोग के सूत्रों के अनुसार, TMC सांसद ओब्रायन ने अपनी शिकायत में यह कहा था कि कोरोना वैक्सीन के डिजिटल प्रमाणपत्र पर PM नरेंद्र मोदी की तस्वीर का उपयोग करना, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान अधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग करने का एक बड़ा मामला है।इस पर चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर बुधवार को बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी। जिस पर बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा कि कोरोना टीकाकरण अभियान दरअसल केंद्र की योजना है। लिहाजा डिजिटल प्रमाणपत्र पर PM नरेन्द्र मोदी की तस्वीर लगाने का फैसला भी केंद्र सरकार का ही है। वहीं अब सूत्रों का यह भी कहना है कि इसके बाद आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को इस तस्वीर का विकल्प तलाशने का जरुरी निर्देश दे दिया  है।

    क्या है चुनाव आयोग का कहना:

    अगर सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि तस्वीरें आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं, साथ ही आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को ये भी बताया कि “आदर्श आचार संहिता का स्तर एक स्तर को सुनिश्चित करना है, यह अनुचित प्रचार के रूप में जरुर से गिना जा सकता है।” चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन की शिकायत पर मंत्रालय से जवाब मांगने के कुछ दिनों बाद कहा कि प्रमाणपत्रों के जरिए पीएम “अपने पद और शक्तियों का फायदा उठा रहे थे।”

    क्या है स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना:

    वहीं सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को उन चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले कोविड -19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से फिलहाल हटा दिया जाए, जहां इस साल चुनाव होने वाले हैं।इधर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि टीकाकरण प्रणाली को चुनावों की घोषणा से पहले डिजाइन किया गया था। मंत्रालय ने बताया कि प्रमाण पत्र जारी योजना के अनुसार जारी किए गए थे। आदर्श आचार संहिता तो बाद में लागू हुई।

    कब है मतदान:

    बता दें कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी के लिए आगामी 26 फरवरी को मतदान कार्यक्रम की घोषणा की थी। जिसके चलते सूत्रों के मुताबिक यह आवश्यक था कि तस्वीरों को चुनाव से जुड़े राज्यों में बांटे गए प्रमाणपत्रों से भी हटा दिया जाए, साथ ये भी खबर है कि यह प्रमाणपत्र का सिस्टम अन्य राज्यों में जारी रह सकता है।

    गौरतलब है कि भारत ने बीते 1 मार्च को अपने टीकाकरण अभियान का दूसरी चरण शुरू कर लिया है जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को और 45 साल से ऊपर के उन लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है जिन्हें पहले से कई गंभीर बिमारियां भी हैं।