Union Budget 2022: Finance Minister Nirmala Sitharaman will present Economic Survey 2021-2022 before the budget, watch live here
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    नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने केंद्रीय बजट (Central Budget) को देश को ‘‘आत्मनिर्भर” बनाने की भूमिका रखने वाला बजट करार देते हुए शनिवार को कहा कि कोरोना (Corona) वायरस महामारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थतियां भी सरकार को सुधार के कदम उठाने से डिगा नहीं सकीं। सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि सुधार के कदमों को उठाने का मकसद भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाना है।

    उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर कई विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह बजट लाया गया है और इस बजट ने भारत के आत्मनिर्भर बनने की भूमिका रखी है। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ दूसरे देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अब भी है, लेकिन यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से काम हुआ और स्थिति से जिस तरह से निपटा गया है उसका नतीजा है कि अर्थव्यवस्था सतत रूप से आगे बढ़ रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महामारी की चुनौतीपूर्ण स्थिति भी सरकार को देश के दीर्घकालीन विकास के लिए सुधार के कदम उठाने से नहीं डिगा सकी।

    उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर नाम लिये बिना निशाना साधा और कहा कि आजादी के बाद से सत्ता में रहने वाली पार्टी को 1991 में आर्थिक सुधारों की बात सूझी और इस सरकार से और प्रधानमंत्री से बार-बार आर्थिक सुधारों को लेकर सवाल पूछे जाते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में रहे। सीतारमण ने कहा कि जनसंघ के दिनों से लेकर आज तक भाजपा की आर्थिक नीतियां एकरूप रही हैं और सरकार ने भारतीय उद्यमियों, व्यापारियों, युवाओं आदि के कौशल को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी नीत राजग सरकार ने करदाताओं, उद्यमियों और ईमानदार नागरिकों का सम्मान करते हुए इन नीतियों का पालन किया है। सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने अभिभाषण में किसानों, पूंजी सृजन करने वाले उद्यमियों (वेल्थ क्रियेटर्स) की बात की।

    इन उद्यमियों के बिना अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? उन्होंने कहा कि बार-बार सवाल खड़ा किया जा रहा है कि इस बजट में कृषि में आवंटन क्यों घटाया गया? उन्होंने कहा कि इस बात को गलत तरह से रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इस सरकार ने 1.15 लाख करोड़ रुपये का लाभ लगभग 10.75 करोड़ किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से हस्तांतरित किया।”

    उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि पश्चिम बंगाल के 65 लाख किसानों को इस योजना का पैसा नहीं दिया जा सका क्योंकि राज्य सरकार की ओर से इन किसानों की सूची नहीं आई, इसलिए हम बजट आवंटन का पूरा उपयोग नहीं कर सके। सीतारमण ने कहा कि किसान सम्मान निधि में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा।” उन्होंने बजट पर चर्चा में भाग लेने वाले सभी दलों के 77 सदस्यों का धन्यवाद किया।