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  • भारत के डेटा सुरक्षा कानून में डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति देने की क्षमता: फेसबुक

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नयी दिल्ली.  बीते शुक्रवार को डेटा प्रोटेक्शन बिल पर बनी संसद की संयुक्त समिति ने फेसबुक इंडिया (Facebook) की पब्लिक पॉलिसी हेड अंखी दास (Ankhi Das) से लगभग 2 घंटे पूछताछ की।  समिति का फेसबुक से सवाल था कि फेसबुक  आमदनी का कितना हिस्सा देश में डेटा सुरक्षा पर इस्तेमाल कर रही है। इसके साथ ही उनसे कंटेंट, ओवरसीज ऑपरेशन्स और रेवेन्यू मॉडल पर भी अनेकों सवाल हुए। 

क्या थे समिति के सवाल: 

दरअसल संसदीय समिति की बैठक की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया कि समिति ने शुक्रवार को सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक से उसके राजस्व, लाभ और देश में कर के भुगतान को लेकर सवाल जवाब किए। कंपनी से पूछा गया कि उनकी आय का कितना हिस्सा देश में डेटा सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होता है।

कंपनी के नीतिगत प्रमुख अंखी दास ने समिति के समक्ष उसका पक्ष रखा। उनसे लगभग दो घंटे पूछताछ की गयी और कुछ कड़े सवाल पूछे गए। समिति में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सवाल-जवाब किए। समिति के एक सदस्य ने बैठक के दौरान सुझाव दिया कि सोशल मीडिया मंच को उपयोक्ताओं के डेटा का उपयोग अपने विज्ञापन दाताओं के वाणिज्यिक लाभ या चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए नहीं करना चाहिए।

क्या जवाब थे अंखी दास के: 

इन सबके जवाब में सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने कहा कि देश में अपनाये जा रहे डेटा सुरक्षा कानून में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और वैश्विक डिजिटल व्यापार को गति देने की क्षमता है। कंपनी का यह बयान डेटा सुरक्षा विधेयक 2019 पर संसद की संयुक्त समिति की सुनिवाई के बाद आया है। इस समिति की अध्यक्ष भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी हैं।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ‘‘निजी डेटा सुरक्षा विधेयक पर संयुक्त समिति के सदस्यों के साथ डेटा विनियम के मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिलने से हम गौरवान्वित हैं। हमें भरोसा है कि देश के डेटा सुरक्षा कानून में देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था और वैश्विक डिजिटल व्यापार को गति देने की क्षमता है। हम सरकार के इस प्रयास में पूरा सहयोग देंगे।”