मराठवाड़ा के छोटे किसानों को वरदान साबित हुई किसान रेल, आय में दोगुनी वृद्धि

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    उस्मानाबाद: देश में के ओर किसान संगठन (Farmer Organization) कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार (Government) किसानों की आय दोगुना (Income Double) करने में लगी हुई है। इसी उद्देश्य से कोरोना काल (Corona Time) में चलाई गई किसान रेल (Kisan Rail) महाराष्ट्र (Maharashtra) के फूल उगाने वाले छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इस रेल से ना सिर्फ उनके उत्पाद को नया बाजार मिला, बल्कि फसल की सही कीमत भी मिली। इससे इन किसानों के जीवन में नई खुशहाली आई है। 

    मराठवाड़ा के 650 किलों फूल दिल्ली भेजा

    बीते नौ मार्च को मराठवाड़ा (Marathwada) के लातूर (Latur), उस्मानाबाद (Usmanabad) और आसपास के क्षेत्रों के छोटे फूल उगाने वाले किसानों ने 650 किलों फूल कुर्दूवडी से दिल्ली (Delhi) के आदर्श नगर (Adarsh Nagar) तक चलने वाली किसान रेल से भेजा। महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त क्षेत्र के रूप में जाने जानेवाले इन उसमानदबाद जिले  के पडोली, वाघोली, टेर, पनवाड़ी और उपला गाँव और लातूर जिले के मुरुड के किसानों ने फूल उगाया है। पहली बार इन जिलों के किसानों द्वारा उगाए फूलों को नया बाजार मिला है, जिससे किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि हुई है। 

    छोटे किसानों को सबसे ज्यादा फायदा

    मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ए. के. सिंह न बताया कि, “सरकार द्वारा चलाए किसान रेल के माध्यम से सबसे अधिक खराब होने वाले फूलों के त्वरित और सस्ते परिवहन के साथ नए बाजार तक पहुंचने से किसानों को अधिक कीमत मिली है है। किसान रेल, तेजी से परिवहन, सुरक्षित वितरण और पेरिशेबल्स को शून्य अपव्यय के साथ देश के बड़े और दुसरो राज्यों के बाजारों तक किसानों का उत्पाद पहुंचने से छोटे किसानों को फायदा मिला है जिसके वजह से किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि हुई है।

    सात अगस्त 2020 को चली पहली किसान रेल

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात अगस्त 2020 को पहली किसान रेल देवलाली से दानापुर के बीच शुरू की गई थी, जिसे आगे बढ़ाकर मुजफ्फरपुर तक कर दिया गया। मौजूदा समय में देश के अंदर 18 रूटों पर किसान रेल चलाई जा रही है। 22 जनवरी 2021 तक 157 किसान रेल चलाई गई है, जिनमें 49, 000 टन फल, सब्जी और जल्दी ख़राब होने वाली वस्तुओं को पूर्वी और उत्तर भारत के बड़े बाजारों तक पहुंचाया जा चुका है।  रेल के वजह से सबसे ज्यादा फायदा देश के छोटे और सीमांत किसानों को हुआ है, इससे उनके उत्पादो को सही भाव मिलका और उनकी आय बढ़ोतरी हुई है।