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नयी दिल्ली. बीते 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर जहाँ किसान संगठन (Farmers Group) लगातार बैकफुट पर जा रहे हैं। वहीं बीते गुरुवार को किसान नेता युद्धवीर सिंह (Yudhvir Singh) ने हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) से माफी (Apology) मांगी और कहा कि वो इसके कारण काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं। अपने बयान में किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि जो दो संगठन इस किसान आंदोलन से अलग हुए हैं, वो पहले से ही संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा कभी नहीं थे। गौरतलब है कि पहले भी यह दोनों संगठन आंदोलन से हटे थे, लेकिन उनके इलाकों से जब फिर दबाव बना तो यह लोग तब वापस आंदोलन से जुड़े थे।

दरअसल किसान नेता युद्धवीर सिंह ने बीते गुरूवार को कहा कि, “26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन जो हुआ, वो बहुत ही शर्मनाक था जिसके लिए हम शर्मिंदा भी हैं। कोई भी आंदोलन तभी सफल होता है, जब दोनों ओर से पूरा सहयोग रहे। मैं खुद गाजीपुर बॉर्डर के पास था, जो उपद्रवी वहां घुसे उसमें हमारे लोग कतई शामिल नहीं थे।”

किसान नेता युद्धवीर सिंह ने यह भी कहा कि, “हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा को लेकर निंदा भी कर रहे हैं और इसके प्रायश्चित के लिए 30 जनवरी को एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम भी करेंगे। दिल्ली पुलिस में भी हमारे ही अपने भाई हैं, ऐसे में उनके साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ उसके लिए हम दिल्ली पुलिस के जवानों से हाथ जोड़ के माफी मांगते हैं।” 

गौरतलब है कि इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस यह कहा गया था कि  किसान आंदोलन में ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ उपद्रवी घुस आए थे, जिनपर नजर रखनी चाहिए थी। लेकिन किसान संगठनों ने उस मोर्चे पर चूक कर दी। वहीं ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद ही किसान संगठनों ने अब 1 फरवरी को निकलने वाले संसद मार्च को फिलहाल पूरी तरहसे रद्द कर दिया है, जबकि इसकी जगह अब आगामी 30 जनवरी को उपवास रखने की बात भी कही है। वहीँ अब दिल्ली पुलिस भी इस हिंसा को लेकर एक्शन में आ चुकी है और अब तक दर्जनों FIR दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमे राकेश टिकैत सहित कई बड़े किसान नेताओं का नाम है।