नई दिल्ली: किसान संगठन (Farmer Organizations) पिछले साढ़े तीन महीने से कृषि कानून (Agriculture Bills) को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठन केंद्र सरकार (Central Government) से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि, “हम दिल्ली और नोएडा (Delhi-Noida) को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर (Chilla Border) को बंद करेंगे, जो एक दिन के लिए होगा।”
टिकैत ने कहा, “26 मार्च के दिन भारत बंद है, इस दौरान हम दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बंद करेंगे। अगर जरुरत पड़ी तो हम गाजीपुर बॉर्डर की तर्ज पर भी आंदोलन करेंगे। हालांकि इसको लेकर अभी समिति चर्चा कर रही है।”
Yes we will block the border (Delhi-Noida border).The committee is yet to decide the date: Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/zePJMQzx7f
— ANI (@ANI) March 16, 2021
उल्लेखनीय है कि, टिकैत का यह बयान आंदोलन में साथी रहे भारतीय किसान यूनियन प्रमुख भानु प्रताप सिंह के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल सभी संगठनों को कांग्रेस के ख़रीदे और पोषित बताया था।
ज्ञात हो कि, कृषि कानूनों के विरोध में पश्चिमी यूपी के तमाम किसान संगठन दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे। टिकैत जहां अपने संगठन के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए थे, वहीं भानु चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन 26 जनवरी की घटना के बाद किसान आंदोलन में फूट पड़ गई। दिल्ली नोएडा बॉर्डर पर बैठे बीकेयू भानु ने खुद को आंदोलन से अलग होने का ऐलान करते हुए आंदोलन को वहीं समाप्त कर दिया। इसी के साथ बैठे आंदोलनकरियों ने सड़क खाली कर दी थी।