नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद कृषि कानून (Farm Law) के मसले पर सरकार और किसानों (Farmers) के बीच वार्ता का दौर चला था वह कामयाब नहीं हो पाया है। इन दौरों के बाद अब सरकार की तरफ से एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव के तहत अब सरकार ने कृषि कानूनों में कुछ जरुरी संशोधन सुझाए हैं और किसानों को इन्हें भेजा है। लेकिन जहाँ सुबह तक नरम रुख रखने वाले किसानों ने अब वापस सख्ती पर आ रहे हैं। किसानों का अब कहना है कि वो सरकार का प्रस्ताव देखेंगे तो जरुर, लेकिन उनकी एकनिष्ट मांग सिर्फ तीनों कानूनों को हटाने की ही है।
All three farm laws should be repealed. This is our demand.
If the proposal talks of only amendments then we will reject it: Kanwalpreet Singh Pannu, Kisan Sangharsh Committee, Punjab at Singhu border pic.twitter.com/3cSEDTfElK— ANI (@ANI) December 9, 2020
Farmer leaders at Singhu Border receive a draft proposal from the Government of India#FarmLaws pic.twitter.com/zBQuOjY3F3
— ANI (@ANI) December 9, 2020
इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राकेश टिकैत का कहना है कि ‘कृषि कानून’ का मुद्दा किसानों के हित औरशान से जुड़ा है, ऐसे में वो इससे पीछे नहीं हट सकते। उनका कहना था कि, “सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग इस विवादस्पद कानून को वापस लेने की है। अगर सरकार अब जिद पर अड़ी है तो हम भी अपने जिद पर आ गए हैं। यह कानून अब वापस ही होगा।”
We’ll strategise in our meeting & discuss their (Centre) proposal. Farmers won’t go back, it’s a matter of their respect. Will Govt not withdraw laws? Will there be tyranny? If Govt is stubborn, so are farmers. Law has to be withdrawn: Rakesh Tikait, Spox, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/gcspm4YDQk
— ANI (@ANI) December 9, 2020
गौरतलब है कि प्रस्ताव मिलने से पहले इन्ही राकेश टिकैत ने कहा था कि, उन्हें उम्मीद है कि किसानों और सरकार में बात बन जाएगी। और प्रस्ताव मिलने के बाद शाम तक इस पर कुछ नतीजा निकलेगा, हालांकि अब उनका भी रुख इस पर बदला सा लग रहा है।
We are now going to hold discussions on the proposal sent by Government of India: Manjeet Singh, BKU State President, Doaba https://t.co/KpvXjgTNAJ pic.twitter.com/bhta8pv4ho
— ANI (@ANI) December 9, 2020
क्या है मोदी सरकार के सुझाये 7 संशोधन:
- APMC एक्ट में बदलाव, फ्री मंडी में भी अब समान टैक्स, पहले फ्री मंडी में कोई टैक्स नहीं था।
- विवाद होने पर स्थानीय कोर्ट जाने का दिया भरोसा, पहले सिर्फ SDM के पास ही जाने की आजादी थी ।
- फ्री ट्रेडर्स के लिए अब रजिस्ट्रेशन सुविधा, पहले सिर्फ पैन कार्ड से काम हो जाता था।
- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में होंगे बदलाव, किसान की जमीन की सुरक्षा का दिया पूरा भरोसा।
- MSP पर भी सरकार अब लिखित गारंटी देने को है तैयार।
- पराली जलाने के मसले पर भी अब सर्कार द्वारा सख्त कानून में होगी नरमी।
- आंदोलन के दौरान जिन भी किसान नेताओं पर केस दर्ज हुआ है, उनकी वापसी होगी।
गौरतलब है की फिलहाल दिल्ली स्थित सिंघु बॉर्डर पर 40 किसान संगठनों की बैठक भी हो रही है, इनमें से 13 लोग बीते मंगलवार को अमित शाह के साथ मीटिंग में भी मौजूद थे। राकेश टिकैत, मंजीत राय किसानों को उक्तबैठक की जानकारी देंगे, सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। अब यहां योगेंद्र यादव और मेधा पाटकर जैसे लोग भी मौजूद हैं।
यह भी प्रासंगिक है कि इसके पहले किसानों की ओर से लगातार कृषि कानूनों की वापसी की मांग की गई है, वहीं MSP पर लिखित में गारंटी देने को कहा गया और उसे कानून का हिस्सा भी बनाने की मांग की गई थी। लेकिन वहीं सरकार अपनी ओर से यह बात पूरी तरह साफ कर चुकी है कि कानून में संशोधन तो किया जा सकता है लेकिन यह किसी भी हाल में अब वापस नहीं हो सकते हैं।