नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसान आंदोलन (Farmers Protest) का जहाँ आज 53वां दिन है। वहीं अब इस मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tonar) ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि किसी भी तरह से कृषि कानूनों को रद्द करने की अब कोई भी संभावना नहीं है और अगर इसके अलावा कोई और मुद्दा है तो किसान संगठन इस पर जरुर चर्चा कर सकते हैं।
Most of the farmers & experts are in favour of farm laws. After Supreme Court’s order, the laws can’t be implemented. Now we expect that farmers discuss the laws clause-wise on Jan 19 & tell govt what they want other than the repeal of the laws: Union Agriculture Minister https://t.co/UJyXhnIkQB
— ANI (@ANI) January 17, 2021
दरअसल आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने आगामी 19 जनवरी की होने वाली बैठक के पहले बड़ा बयान दिया है। बता दें कि आने वाली 19 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की वार्ता होने वाली है। इससे ठीक पहले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने आज एक एक बार फिर कहा है कि 19 जनवरी की बैठक में किसान कृषि कानूनों पर बिंदूवार चर्चा करें, लेकिन अब उन्होंने कानूनों को रद्द करने की किसी भी संभावना से साफ़ इनकार किया है।
आज कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि, “हमने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम उनकी मंडी से जुड़ी समस्याओं, व्यापारियों के पंजीकरण और दूसरे मुद्दों पर चर्चा के लिए राजी हो गए थे, सरकार पराली और बिजली से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा करने को तैयार थी, लेकिन किसान सिर्फ कानून को रद्द कराना चाहते हैं, लेकिन ज्यादातर किसान और विशेषज्ञ कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कानून को लागू नहीं किया जा सकता है, अब हमें उम्मीद है कि 19 जनवरी को किसान बिंदूवार चर्चा करें और सरकार को बताएं कि कृषि कानून रद्द करने के अलावा वे और क्या चाहते हैं”?
गौरतलब है कि बीते 52 दिनों से दिल्ली-NCR के कई बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार हो रहा है। किसान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी से भी खुश नहीं हैं। बीते शनिवार को एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से नई कमेटी गठित करने की भी मांग की है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी किसान आने वाली 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने पर आमदा हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस सुरक्षा का हवाला देकर किसानों को फिलहाल इसकी इजाजत नहीं दे रही है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कल यानी सोमवार को केंद्र सरकार की अर्जी पर सुनवाई करेगी जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के आयोजन और समारोहों को बाधित करने की मांग की गई थी।