भारत बंद के दौरान मेघालय में जनजीवन सामान्य
मेघालय में मंगलवार को जनजीवन सामान्य रहा और केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद' का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। राज्य में दुकानें और बाजार खुले रहे तथा निजी और सार्वजनिक वाहन चलते रहे। अधिकारियों ने बताया कि सरकारी कार्यालय, बैंक और डाकखाने खुले रहे तथा कर्मचारियों की मौजूदगी देखी गई। ‘मेघालय जॉइंट कॉउन्सिल ट्रेड यूनियन एंड एसोसिएशन' ने कहा कि वह बंद का नैतिक आधार पर समर्थन करते हैं लेकिन कोविड-19 के चलते उन्होंने शहर में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करने का निर्णय लिया है। हिल्स किसान संघ के अध्यक्ष कमांड शंगप्लीयांग ने कहा कि उनके संगठन ने भी किसानों को नैतिक आधार पर समर्थन दिया है।
सरोजनी नगर मार्केट में दुकानदारों ने बांधी काली रिबन
दिल्ली: सरोजनी नगर मार्केट में दुकानदारों ने #BharatBandh पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए काले रिबन बाँध दिए। दुकानदार ने कहा, "हम किसानों के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। सरकार एमएसपी की साधारण मांग क्यों नहीं कर सकती है।"
Delhi: Shopkeepers in Sarojini Nagar market tie black ribbons around their arms to show solidarity with farmers' protests, on #BharatBandh
"We're doing this to show our support for the farmers' cause. Why can't the govt grant a simple demand of the MSP," says one shopkeeper pic.twitter.com/T8Ofn6bqRE— ANI (@ANI) December 8, 2020
राजस्थान में बंद का शुरुआती असर मिला जुला रहा
किसान संगठनों द्वारा आहूत 'भारत बंद' का मंगलवार को राजस्थान के अनेक इलाकों में शुरुआती असर मिला जुला रहा। राज्य में अभी अनाज मंडियां एवं प्रमुख बाजार बंद रहे, लेकिन कई जगह बाजारों में कुछ दुकानें सामान्य दिनों की तरह खुली रहीं। केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने 'भारत बंद' की घोषणा की है, जिसे राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस भी समर्थन दे रही है। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास अपने समर्थकों के साथ बंद के समर्थन में जयपुर के अनेक इलाकों में ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों पर घूमे। किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा, ‘‘गांवों एवं कस्बों में बंद का स्पष्ट असर है। राज्य में सभी मंडियां बंद हैं। बंद शांतिपूर्ण ही रहेगा।'' उन्होंने कहा कि केंद्र के किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर हैं और इन कानूनों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। राजस्थान की राजधानी जयपुर में कई जगहों पर सुबह दुकानें सामान्य दिनों की तरह खुलीं। बंद को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी हालात पर निगाह लगातार रखे हुए हैं।
मप्र के होशंगाबाद जिले में हुआ विरोध प्रदर्शन
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद' के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया। क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि कांग्रेस पूर्वाह्न करीब 11 बजे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि राज्य में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
किसानों के समर्थन में अन्ना हजारे एक दिन के अनशन पर बैठे
पुणे. केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे मंगलवार को एक दिन के अनशन पर बैठ गए। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार को ‘भारत बंद' रखने की अपील भी की है। हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए। हजारे ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा, ‘‘ मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए। सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा। लेकिन कोई हिंसा ना करें।'' हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह ‘‘सही समय'' है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने पहले भी इस मुद्दे का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा। हजारे ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता नहीं देने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें ना लागू करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती।"
रांची में भारत बंद
झारखंड: प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और रांची में भारत बंद, नए खेत कानूनों के खिलाफ मार्च निकाला।
Jharkhand: Protestors raise slogans and go on a march in Ranchi on account of #BharatBandh, against the new farm laws. pic.twitter.com/Xk1E8muLYq
— ANI (@ANI) December 8, 2020
पश्चिम बंगाल में किसान की मांग के समर्थन में पूरा बंद
पश्चिम बंगाल: वामपंथी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ नारे लगाए और कोलकाता के जादवपुर इलाके में पुतले जलाए। माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, "पश्चिम बंगाल में किसान की मांग के समर्थन में पूरा बंद है।"
West Bengal: Left parties raise slogans against farm laws & burn effigies in Jadavpur area of Kolkata
"In West Bengal there is complete bandh in support of the peasant's demand. We imagine similar situations prevailing across India as well," says Sujan Chakraborty, CPI(M) leader pic.twitter.com/SvAM3BRPKw— ANI (@ANI) December 8, 2020
कांग्रेस नेताओं का विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक: कांग्रेस नेताओं ने किसान संघों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया, बेंगलुरु में विधन सौधा में गांधी प्रतिमा के सामने, केंद्र के खिलाफ नारे लगाए और काले झंडे दिखाए। पार्टी के नेता सिद्धारमैया, बीके हरिप्रसाद, रामलिंग रेड्डी और अन्य उपस्थित।
Karnataka: Congress leaders protest in support of #BharatBandh called by farmer unions, raise slogans against the Centre & show black flags, in front of Gandhi statue at Vidhana Soudha in Bengaluru.
Party leaders Siddaramaiah, BK Hariprasad, Ramalinga Reddy and others present. pic.twitter.com/YptI0ENQlg— ANI (@ANI) December 8, 2020
दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर बंद
किसानों के भारत बंद को देखते हुए अलग-अलग राज्यों में सुरक्षा बढ़ाई गई है। बिहार में कड़ी सुरक्षा है और कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों पर एक्शन का निर्देश दिया गया है। दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर बंद को देखते हुए पुलिस तैनात है। साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल सड़कों पर उतरे हैं।
Andhra Pradesh: Left political parties protest in Parvathipuram of Vizianagaram district, in support of the #BharatBandh called by farmers unions, against Central Government's #FarmLaws. pic.twitter.com/YHr6XnyP2k
— ANI (@ANI) December 8, 2020
विजयनगरम जिले के पार्वतीपुरम में विरोध प्रदर्शन
आंध्र प्रदेश: वामपंथी राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार के #FarmLaws के खिलाफ, किसान संघों द्वारा बुलाए गए #BatatBandh के समर्थन में, विजयनगरम जिले के पार्वतीपुरम में विरोध प्रदर्शन किया।
Andhra Pradesh: Left political parties protest in Parvathipuram of Vizianagaram district, in support of the #BharatBandh called by farmers unions, against Central Government's #FarmLaws. pic.twitter.com/YHr6XnyP2k
— ANI (@ANI) December 8, 2020
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। इस बंद को विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों ने किसान संगठनों का समर्थन हैं। किसान पिछले 12 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर नए कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन तथा गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने किसानों द्वारा बुलाये गए भारत बंद का समर्थन किया। साथ ही प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को मानने के लिये दबाव बनाया।
पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा
शनिवार को सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को हुई पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी। जिसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा था कि सरकार कृषक नेताओं से उनकी प्रमुख चिंताओं पर ठोस सुझाव चाहती थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि उनके सहयोग से समाधान निकाला जाएगा।