नयी दिल्ली. जहाँ मोदी सरकार (Narendra Modi Goverment) द्वारा लाये गए विवादस्पद कानूनों (Farm Laws) के चलते, आज दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmers) का बुधवार को छह महीना पूरा हो गया। वहीं बुधवार को ही मौजूदा मोदी सरकार को लगातार सत्ता में बने 7 वर्ष भी पूरे हो गए। लेकिन आज बुद्ध पूर्णिमा के इस मौके पर अब किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपने विरोध के स्वर को एक बार फिर से तेज करने का मन बनाया है। जी हाँ आज किसान इस दिन को काला दिवस (Black Day) के रूप में मनाएंगे।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं का कहना है कि उन्हें डराकर और थकाकर डिगाया नहीं जा सकता। इतना ही नहीं अब किसानों का यह भी कहना है कि जब तक मोदी सरकार उन पर दर्ज सभी मुकदमें वापस नहीं लेती और उनकी सभी मांगों को नहीं मान लेती तब तक वह दिल्ली की सीमाओं में डटे रहेंगे।
Punjab: People put up black flags at their houses and on their tractors in Chabba village of Amritsar, as the farmers protesting against the Farm Laws, observe ‘Black Day’ today. pic.twitter.com/19rtAL3nyb
— ANI (@ANI) May 26, 2021
दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी बात को रखते हुए कहा है कि अब किसानों ने दिल्ली समेत अन्य सभी धरना स्थलों पर बुद्ध पूर्णिमा पर्व को मनाने की घोषणा की है। इतना ही नहीं धरना स्थलों पर काले झंडे लगाकर और सरकार के पुतले जलाकर भी अब विरोध करने की तैयारी है। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा नेता बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़ के नाम से जारी हुई एक प्रेस वार्ता में कहा गया है कि किसान अपने सत्य और महात्मा गांधी के अहिंसा के दम पर ही अपना आंदोलन आगे बढ़ा रहे हैं।
We’re also carrying the tricolour. It has been 6 months now, but Govt is not listening to us. So farmers are putting up black flags. It’ll be done peacefully. We’re following COVID protocols. Nobody is coming here. People are putting up flags wherever they are: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/2x3Yb7gJ4a
— ANI (@ANI) May 26, 2021
लेकिन मोदी सरकार किसानों के इस आंदोलन को कई बार हिंसक रंग देने का जघन्य प्रयास करती रही और हमेशा ही मुंह की खायी है। लेकिन इन सबके विपरीत किसानों ने सत्य के दम पर ही अपने आप को हमेशा मजबूत रखा है और वे इसी ताकत के दम पर ही अपने आंदोलन को सफल होने तक अंतिम प्रयास तक जारी रखेंगे।
इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा का कहना था कि बीते 26 मई 2014 को जब से पहली बार मोदी सरकार बनी। तब से आज तक इन 7 सालों में सरकार ने किसानों, मजदूरों, गरीबों, दलितों, महिलाओं, आदिवासियों, छात्रों, युवाओ, छोटे व्यापारियों और सामान्य नागरिकों के ही खिलाफ कड़े फैसले किए।अब आज यानी कि 26 मई 2021 को मोदी सरकार के 7 साल होने पर संयुक्त किसान मोर्चा अब इसे विरोध दिवस के रूप में मनाएगा।
Security deployment at Singhu border (Delhi-Haryana border) in wake of ‘Black Day’ being observed by protesting farmers today. #FarmLaws pic.twitter.com/CVgwAgQV7K
— ANI (@ANI) May 26, 2021
किसान करेगा सड़क पर विरोध प्रदर्शन :
इसके चलते अब संयुक्त किसान मोर्चा ने आज यानी 26 मई को किसानों, मजदूरों, युवाओं, छात्रों, कर्मचारियों, लेखकों, चित्रकारों, ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों और दुकानदारों सहित सभी वर्गों के लोगों से सड़क पर उतरकर कृषि कानूनों का विरोध करने की अपील की है। जिसके तहत सभी पक्के मोर्चों पर पुरुष काली पगड़ी और महिलाएं काली चुन्नी पहनकर पुरजोर विरोध करेंगी। वहीं काले झंडे लगाकर और मोदी सरकार के पुतले जलाकर तीनों कृषि कानूनों, बिजली संशोधन विधेयक 2020 और प्रदूषण अध्यादेश का जमकर विरोध किया जाएगा। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की इस एलान के बाद अब मोदी सरकार ने भी पुलिस और प्रशासन को चाक-चौबन्द कर दिया है।