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नयी दिल्ली. तेज ठंड के बीच मोदी सरकार (Narendra Modi)  के तीन कृषि कानूनों (Farm Law) का विरोध कर रहे हजारों किसान आज शनिवार को लगातार दसवें दिन भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर जमे हुए हैं। वहीं, इन कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ किसानों के प्रतिनिधि पांचवे दौर की वार्ता के लिए सरकार से मिलने वाले हैं।लेकिन किसान नेता अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।  किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और वह कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करे। 

किसानों की जिद, MSP को लेकर गारंटी कानून बनाए सरकार:

इसके साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि वो MSP को लेकर गारंटी कानून से अब कम में मानने को तैयार नहीं हैं।  उनका साफ़ कहना है कि सरकार को अब इतना तो हमारे लिए करना ही पड़ेगा।  इस पर किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि, अब इन तीनों कृषि कानून को सरकार वापस ले और MSP को लेकर गारंटी कानून बनाए।  सरकार को किसानों की मांगों को मानना पड़ेगा।  जगजीत सिंह ने यह भी कहा कि, “यह बात हम पहले भी साफ कर चुके हैं।  आज भी साफ कर रहे हैं और आज की मीटिंग में भी हमारा इन्हीं बातों पर जोर रहेगा।  सरकार कितना भी समझाने की कोशिश कर ले, हम मानने वाले नहीं हैं।  हम सरकार को कई बार कह चुके हैं।  हमने लिखित में भी सरकार को बताया है कि तीनों कानूनों को तो पूरा वापस करना ही पड़ेगा। ” अंत में किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि, “अब सरकार को तय करना होगा कि वह कैसे रास्ता निकालती है, क्या करती है।हमारा आंदोलन तो जारी ही रहेगा।”  

दिल्ली की और आने वाली सड़कों में किसान जमें:

उत्तर प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पहले ही बाधित कर चुके आंदोलनकारी किसानों ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर सरकार उनकी मांगें स्वीकार नहीं करती है तो वे दूसरी सड़कों को भी बाधित करेंगे। उन्होंने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान भी किया है। सरकार के साथ शनिवार दोपहर होने वाली बातचीत से पहले 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे। किसान संगठनों ने आज सरकार और कारपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करने और पुतला दहन का आह्वान किया है। 

चौथे दौर की बातचीत रही बेनतीजा :

नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार और आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच बृहस्पतिवार को चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। वहीं, किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के लिए अहम टिकरी, सिंघु, झरोड़ा, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर को बाधित कर दिया है जिसकी वजह से यातायात प्रभावित हुआ है। पुलिस ने इन बॉर्डर पर यातायात का मार्ग परिवर्तित किया है। इसकी वजह से वैकल्पिक मार्गों पर ट्रैफिक जाम लग गया है। पुलिस ने लगातर दसवें दिन चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली-हरियाणा सीमा के सिंघु, टिकरी, झारोडा, झाटीकड़ा, औचंदी, लामपुर, पियाओ, मनियारी और मंगेश सीमा को बंद कर दिया है। यात्री दरौला, कापसहेड़ा, रजोकरी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडाहेड़ा सीमा के रास्ते हरियाणा जा सकते हैं। पुलिस ने बताया कि केवल दुपहिया और हल्के वाहनों के लिए बड़ूसराय बॉर्डर खुला है।