नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लागू किया गया कृषि कानूनों (Agricultural Law) के खिलाफ शुरू हुआ किसानों का रण अभी तक खत्म होता नहीं दिख रहा है। वहीं आज सोमवार को भी किसानों का धरना जारी है। किसान वर्ग आज सुबह से ही फिर विरोध करने में जुटे हुआ हैं। गौरतलब है कि किसानों ने पहले ही ऐलान किया है कि वो चार महीने के राशन के साथ यहां आए हुए हैं और अपनी लड़ाई वे जीत कर ही जायेंगे।
Farmers stay put at Singhu border (Delhi-Haryana border) as their protest against the Central Government’s Farm laws continues. pic.twitter.com/XKUHQs3hDO
— ANI (@ANI) November 30, 2020
Delhi: Security tightened & barricading being done at Ghazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border where farmers have gathered in protest against Farm laws. pic.twitter.com/S5TNVFVqxf
— ANI (@ANI) November 30, 2020
क्या है घटना:
दरअसल पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाकों में किसानों ने अपना डेरा जमाया हुआ है। इधर प्रदर्शनकारी किसानों को सरकार की ओर से बातचीत का प्रस्ताव दिया जा रहा है, लेकिन किसान शर्तें किसी भी कीमत पर नहीं मान रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार अब इस मसले पर एक्टिव हो गयी है और बीते दिन केंद्र के बड़े मंत्रियों ने बैठक की। गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को सिंधु बॉर्डर से हटने से इनकार कर दिया है। इस के साथ ही किसान संगठनों के नेताओं ने देश की राजधानी में प्रवेश के सभी 5 रास्तों को बंद करने की चेतावनी दी है।
Delhi: Farmers continue their protest at Ghazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border against the farm laws amid security deployment. pic.twitter.com/MhuDgiOhhQ
— ANI (@ANI) November 30, 2020
इधर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की मांग को लेकर अड़े किसानों का संघर्ष आज भी जारी है। वहीं इन किसानों ने सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अपील को भी ठुकरा दिया है। मोदी सरकार को उनकी साफ़ चेतावनी है कि कृषि कानूनों को लेकर उनकी मांग मानी जाए, वरना दिल्ली आने वाले पांचों रास्ते बंद भी किए जाएंगे।
Situation is peaceful & under control. We are in contact with them (farmers). Our objective is to maintain law & order. We have deployed enough force: Surendra Yadav, Joint CP, Northern Range, Delhi pic.twitter.com/0Qc56KSOyp
— ANI (@ANI) November 30, 2020
केंद्र सरकार की अहम् बैठक, अमित शाह भी हुए शामिल:
इधर बीते रविवार को किसानों के बढ़ते विरोध के बीच भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा (J P Nadda) के आवास पर मंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) शामिल हुए थे। वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को बात करने के लिए चौथी बार प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने कहा, “भारत सरकार किसानों से तीन दौर की वार्ता कर चुकी है, चौथी बार तीन दिसंबर को मिलने का प्रस्ताव दिया था। सरकार हर स्तर पर खुले मन से बातचीत करने को तैयार है पर किसान यूनियन को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए। उन्हें आंदोलन का रास्ता छोड़ चर्चा का रास्ता अपनाना चाहिए।”
Delhi: BJP chief JP Nadda, Union Home Minister Amit Shah, Defence Minister Rajnath Singh and Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar hold a meeting over farmers protest at BJP chief’s residence.
— ANI (@ANI) November 29, 2020
जिस प्रकार से किसान आन्दोलन आगे बढ़ रहा है उससे लगता है कि सरकार को निश्चित रूप से बढे कदम उठाने होंगे। जहाँ किसान किसी भी सहरत पर नहीं मान रहे हैं वहीं बढे कोरोना प्रकोप के चलते दिल्ली में केजेरिवल सरकार के लिए आने वाला समय निश्चित रूप से मुश्किलों भरा होगा।