सरकार की नीतियों के कारण 'अन्नदास' को आज उपवास करना पड़ा
सरकार को हमारा संदेश यह है कि उसकी नीतियों के कारण 'अन्नदास' को आज उपवास करना पड़ा। सरकार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए: मंजीत सिंह, बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष, दोआबा
Our message to the Government is that due to its policies the 'annadatas' had to observe fast today. The government should repeal the three farm laws: Manjeet Singh, BKU State President, Doaba https://t.co/EotcW0vObU pic.twitter.com/Erk0UzE0pC
— ANI (@ANI) December 14, 2020
किसानों की भूख हड़ताल समाप्त
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की भूख हड़ताल समाप्त, सिंघु बॉर्डर पर फल खाकर तोड़ा उपवास
Delhi: Farmers who were on a day-long hunger strike at Singhu border as part of their protest against Centre's farm laws, break their fast. pic.twitter.com/1N3YXzierN
— ANI (@ANI) December 14, 2020
पंजाब बीजेपी के नेता रक्षामंत्री से मिले
पंजाब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा के अध्यक्ष्ताओं में नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश से मिलने पहुंचे.
Delhi: A delegation of Punjab BJP leaders, led by state president Ashwani Sharma met Union Defence Minister Rajnath Singh and Union Minister Som Prakash. pic.twitter.com/U2sXrayhF9
— ANI (@ANI) December 14, 2020
अन्नदाताओं के समर्थन में आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का अन्नत्याग
अन्नदाताओं के समर्थन में आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का अन्नत्याग https://t.co/kmkZzijrCR
— AAP (@AamAadmiParty) December 14, 2020
गडकरी से मिलने पहुंचे दुष्यंत चौटाला
किसानों के आंदोलन के बीच बैठकों का दौर जारी है, अमित शाह के घर जारी कृषि मंत्री के साथ बैठक खत्म हो गई है। दूसरी ओर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दिल्ली में नितिन गडकरी के घर बैठक करने पहुंचे हैं। दुष्यंत चौटाला लगातार किसान आंदोलन को लेकर बैकफुट पर हैं और उनकी पार्टी पर दबाव है। बीते दिनों में वो दिल्ली में कई बड़े बीजेपी नेता और मंत्रियों से मिल चुके हैं।
Haryana Deputy CM Dushyant Chautala met Union Road Transport Minister Nitin Gadkari at the latter's residence in Delhi & discussed various ongoing and proposed road projects in Haryana. https://t.co/bAuzryggyW pic.twitter.com/80iXaD7SII
— ANI (@ANI) December 14, 2020
मेरठ में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए कुछ कार्यकर्ता
कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने सपा, कांग्रेस, आप पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर दिया है। पुलिस ने रविवार देर रात मेरठ के सपा विधायक रफीक अंसारी को नजरबंद कर दिया। किसान संगठनों और विपक्षी दलों के विरोध को देखते हुए जिला मुख्यालय के पास पुलिस बल की तैनाती की गयी है।
मेरठ में प्रदर्शन कर रहे सपा के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया औश्र उन्हें आंबेडकर भवन, गंगानगर भेज दिया। इसके बाद सपा के कुछ और कार्यकर्ता भी प्रदर्शन के लिए आ गए। राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह ने आरेाप लगाया, ‘‘सरकार किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को बलपूर्वक दबाना चाहती है। प्रशासन सरकार के इशारे पर किसानों को बॉर्डर पर खाना ले जाने से भी रोक रहा है। विपक्षी पार्टियों के नेताओं को झूठे मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।''
किसानों का प्रदर्शन जारी
दिल्ली: गाजीपुर (दिल्ली-यूपी) सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग -24 को अवरुद्ध कर दिया।
Delhi: Farmers protesting at Ghazipur (Delhi-UP) border blocked National Highway-24 earlier today.
“We won’t let it happen again, normal people won’t suffer. We wanted them to realise for once that how even few minutes are important,” says Rakesh Tikait of Bhartiya Kisan Union pic.twitter.com/wVk15yXzA0— ANI (@ANI) December 14, 2020
किसानों की बात सुनने के लिए हम तैयार, सभी गलतफहमियां दूर करेंगे
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को मनाने में सरकार जुटी हुई है। फिक्की की 93वीं सालाना मीटिंग को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कृषि एक ऐसा सेक्टर रहा है, जो महामारी के दुष्परिणामों से बचने में सक्षम रहा है और वास्तव में यह सबसे अच्छा है। हमारी उपज और खरीद भरपूर है और हमारे गोदाम भरे हुए हैं।
केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में उपवास रखा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने किसानों की भूख हड़ताल को समर्थन देते हुए आज उपवास रखा है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी उपवास करने की अपील की है। उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के उपवास को नौटंकी बताया।
गृह मंत्री ने किया MSP में सभी 23 फसलों को खरीदने से इनकार
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चादुनी बोले, "सरकार एमएसपी पर सभी को गुमराह कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने 8 दिसंबर की बैठक के दौरान हमें जवाब दिया कि वे एमएसपी में सभी 23 फसलों को नहीं खरीद सकते क्योंकि इसकी लागत 17 लाख करोड़ रुपये है।"
Govt is misleading everyone on MSP. Home Minister Amit Shah replied to us during 8th Dec meet that they can't buy all 23 crops at MSP as its costs Rs 17 lakhs crores. : Gurnam Singh Chaduni, President, Bhartiya Kisan Union (Haryana) pic.twitter.com/yUVc9xo1kK
— ANI (@ANI) December 14, 2020
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) चरम पर पहुंच गया है। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए अब भूख हड़ताल करने का ऐलान कर दिया है। रविवार को सिघु बॉर्डर (Singhu Border) पर आयोजित प्रेस वार्ता में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chadhuni) ने कहा, “कल सारे संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे।
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, “हमारा रुख स्पष्ट है, हम चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। इस आंदोलन में भाग लेने वाले सभी किसान यूनियन एक साथ हैं।”
बीकेयू एकता उग्रहान के नेता भूख-हड़ताल नहीं करेंगे:
भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे। सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। सुखदेव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे।”
प्रदर्शनकारी किसान संघों के नेताओं ने कहा है कि वे सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिये सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारी हाथ में पोस्टर लिए गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करते दिखे थे। इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ये ‘‘असामाजिक तत्व” किसानों की आड़ में आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।
सुखदेव ने कहा, ‘‘ हमने कुछ गलत नहीं किया। हमने केवल बृहस्पतिवार को ‘मानवाधिकार दिवस’ पर एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी।” सरकार ने शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनके मंच के दुरुपयोग के खिलाफ सतर्क करते हुए कहा था कि कुछ “असामाजिक तत्वों” के साथ-साथ “वामपंथी और माओवादी” तत्वों ने आंदोलन के माहौल को खराब करने की साजिश रची, क्योंकि प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।