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नयी दिल्ली. भारतीय रेलवे कि तरफ से आज एक नयी सौगात किसान भाइयों को दी गयी है। आज 7 अगस्त को एक अतिमहत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय रेलवे ने  किसान रेल की शुरुआत कर दी है। इस रेलवे सुविधा से अब ऐसी  फलों-सब्जियों कि ढुलाई की जाएगी जो जल्दी खराब हो जाते हैं।

आज रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस किसान रेल को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर महाराष्ट्र के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल ने भी अपनी उपस्तिथि दर्ज करायी। यह ट्रेन फिलहाल महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चल रही है। अब यह सुबह 11 बजे महाराष्ट्र के देवलाली स्टेशन से रवाना होगी और बिहार के दानापुर स्टेशन तक फलों-सब्जियों कि ढुलाई करेगी।

अगर हम इस ट्रेन कि खासियतों पर गौर करें तो,  किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे। इस पुरे  ट्रेन में सारे कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे। मतलब यह कि यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज के समान  होगा, जिसमें  किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट और दुग्ध प्रदार्थ रख सकेंगे।

किसान रेल वर्तमान में हफ्ते में एक बार ही  चलेगी। यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित देवलाली से सुबह 11 बजे चलेगी और फिर इसके अगले दिन शाम 6।45 बजे पटना के पास स्थित दानापुर स्टेशन पर अपने गंतव्य पहुंचेगी। इस प्रकार यह अपनी यात्रा में लगभग  32 घंटों में पूरी करेगी । भारतीय रेलवे के अनुसार यह पूरी यात्रा करीब 1,519 किलोमीटर की होगी। यह  देवलाली से शुरू होकर नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकते हुए जायेगी।

इस किसान रेल का मुख्य मकसद रेलवे द्वारा वर्ष  2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का है। दरअसल, केंद्र ने  साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहले इस प्रकार का प्रयास या प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी थी। अब जब यह ट्रेन शुरू हो चुकी है तो इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) योजना के तहत चलाया जायेगा और इसमें  शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी।