Reward for person for giving information on Mumbai cat killer, Peta India offers to give a reward of Rs 50,000, police have also registered a case
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    तिरुवनंतपुरम: केरल (Kerala) में लोगों को कुत्तों (Dogs) से अधिक डर बिल्लियों (Cats) का है और राज्य में पिछले कुछ वर्षों में बिल्लियों के कांटने के मामले कुत्तों के कांटने की तुलना में कहीं अधिक सामने आए हैं। इस साल सिर्फ जनवरी माह में ही बिल्लियों के कांटने के 28,186 मामले सामने आए जबकि कुत्तों के कांटने के 20,875 मामले थे। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब में यह जानकारी दी।

    बिल्लियों के कांटने के मामले कुत्तों के कांटने की तुलना में कहीं अधिक

    राज्य स्वास्थ्य निदेशालय के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों से बिल्लियों के कांटने का इलाज कराने वालों की संख्या कुत्तों के कांटने का इलाज कराने वालों से अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, इस साल केवल जनवरी में बिल्लियों के कांटने के 28,186 मामले सामने आए जबकि कुत्तों के कांटने के 20,875 मामले थे। राज्य के पशु संगठन, ‘एनिमल लीगल फोर्स’ द्वारा दाखिल आरटीआई के जवाब में यह आंकड़ें दिए गए। इसमें 2013 और 2021 के बीच कुत्तों और बिल्लियों द्वारा कांटने के आंकड़ों के साथ ‘एंटी-रेबीज’ टीके और सीरम पर खर्च की गई राशि की भी जानकारी दी गई है।

    कांटने के मामले में बढ़ोतरी हुई

    आंकड़ों के अनुसार, 2016 से बिल्लियों के कांटने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। 2016 में बिल्लियों से काटने का 1,60,534 इतने लोगों ने इलाज कराया जबकि कुत्तों के काटने के 1,35,217 मामले सामने आए। 2017 में बिल्लियों के काटने के 1,60,785 मामले, 2018 में 1,75,368 और 2019 तथा 2020 में यह बढ़कर क्रमश: 2,04,625 और 2,16,551 हो गए। दक्षिणी राज्य में 2014 से लेकर 2020 तक बिल्लियों के कांटने के मामलों में 128 प्रतिशत वृद्धि हुई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 में कुत्तों के कांटने के 1,35,749, वर्ष 2018 में 1,48,365,वर्ष 2019 में 1,61,050 और वर्ष 2020 में 1,60,483 मामले सामने आए। रेबीज से पिछले साल पांच लोगों की मौत हुई थी।