पांचवें दौर की बातचीत समाप्त, किसान अपनी मांग पर आड़े

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नई दिल्ली: कृषि क़ानूनों (Agriculture Bills) पर प्रदर्शनकारी किसानों (Farmer) और सरकार (Government) के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत समाप्त हो गई. विज्ञान भवन (Vigyan Bhavan) में करीब पांच घंटे चली बातचीत के बाद कोई निर्णय नहीं निकला. इसी के साथ 9 दिसंबर को सभी हितधारकों के अनुरोध पर किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच वार्ता का अगला दौर चलेगा.

केंद्र हर मुद्दा सुलझाने को तैयार 

बैठक की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “हमने कहा है कि एमएसपी जारी रहेगा, इससे कोई खतरा नहीं है. इस पर शक करना बेबुनियाद है. फिर भी, अगर किसी को संदेह है तो सरकार इसे सुलझाने के लिए तैयार है.”

केंद्र एपीएमसी को और मजबूत करेगा 

कृषि मंत्री ने कहा, “हम राज्यों में मंडी को प्रभावित करने का इरादा नहीं रखते हैं, वे कानून से प्रभावित नहीं हैं. एपीएमसी को और मजबूत करने के लिए सरकार अपनी शक्ति में कुछ भी करने को तैयार है. यदि किसी को APMCs के बारे में कोई गलत धारणा है, तो सरकार इसे स्पष्ट करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.”

कुछ सुझाव मिल जाते तो हमें रास्ता निकालना थोड़ा आसान

किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर हमें स्पष्टता से सुझाव मिलें लेकिन बातचीत के दौर से ये संभव नहीं हो सका. कुछ सुझाव मिल जाते तो हमें रास्ता निकालना थोड़ा आसान हो जाता. अभी भी उसका इंतज़ार करेंगे.”

उन्होंने कहा, “मेरा किसान यूनियन से आग्रह है कि सर्दी का सीज़न है कोविड का संकट है इसलिए जो बुज़ुर्ग लोग हैं और जो बच्चें हैं अगर उन्हें यूनियन के नेता घर भेज देंगे तो वे सुविधा से रह सकेंगे.”

आंदोलन का रास्ता छोड़ें और चर्चा के रास्ते पर आएं  

8 दिसंबर को भारत बंद पर कृषि मंत्री ने कहा, “मैं यूनियनों के कार्यक्रम पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन मैं किसानों और यूनियनों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़ें और चर्चा के रास्ते पर आएं. सरकार ने उनके साथ कई दौर की बातचीत की है और समाधान के लिए आगे की चर्चा के लिए तैयार है.”

उन्होंने कहा, “मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार आपके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा. पीएम मोदी के नेतृत्व में कई कृषि योजनाओं को लागू किया गया है. बजट और एमएसपी में भी वृद्धि हुई है.”

अनुशासन बनाए रखने के लिए शुक्रिया  

नरेंद्र तोमर ने आगे कहा, “किसानों को मोदी सरकार पर भरोसा रखना चाहिए कि जो भी किया जाएगा, वह उनके हित में होगा. मैं अनुशासन बनाए रखने के लिए किसान यूनियनों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं … चूंकि आज बातचीत पूरी नहीं हो सकी है, इसलिए हमने 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.”

सरकार ने माँगा तीन दिन का समय

किसान कानूनों पर सरकार के साथ हुई बैठक के बाद बाहर निकले एक किसान नेता ने कहा, “सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है. 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी. 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा. ये कानून ज़रूर रद्द होंगे.”

केंद्र और राज्य सरकार करेंगे बात

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार एक मसौदा तैयार करेगी और हमें देगी. उन्होंने कहा कि वे राज्यों से भी सलाह लेंगे. MSP पर भी चर्चाएँ हुईं लेकिन हमने कहा कि कानूनों को भी लीजिए और उसे वापिस लेने की बात करनी चाहिए. 8 दिसंबर को घोषित भारत बंद होकर रहेगा.”