नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर चल रहे आंदोलन को लेकर आज बुधवार को पांच विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) से मुलाकात की। इस दौरान सभी नेताओं ने तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए ज्ञापन दिया। राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए गए नेताओं में कांग्रेस (Congress) के राहुल गांधी(Rahul Gandhi), एनसीपी (NCP) के शरद पवार(Sharad Pawar), सीपीआई (CPI) के डी.राजा(D. Raja), सीपीआई-एम (CPI-M) के सीताराम येचुरी (Sitaram Yechuri) और डीएमके (DMK) के टी.के.एस.ईलनगोवन (T.k.s. Elangovan) शामिल थे।
A delegation of opposition leaders comprising Sharad Pawar, Rahul Gandhi, D. Raja, Sitaram Yechury and T.K.S. Elangovan called on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan and presented a memorandum: Rashtrapati Bhavan #FarmLaws pic.twitter.com/YauX9jcyMe
— ANI (@ANI) December 9, 2020
राष्ट्रपति से मिलकर बाहर निकले विपक्षी नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए एक सुर में कानून वापिस लेने की मांग की। सीताराम येचुरी ने कहा, “हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और ज्ञापन प्रस्तुत किया। उसमें हमने कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को वापिस लेने की मांग की क्योंकि ये बहुत ही गैर-लोकतांत्रिक और बिना विचार-विमर्श के पारित कर दिए गए थे।”
कानून किसानों के हित में, तो किसान सड़क पर क्यों?
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “कृषि कानून किसान विरोधी है। PM ने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक किसान न हटेगा न डरेगा।”
We informed the President that it is absolutely critical that these anti-farmer laws are taken back: Rahul Gandhi, Congress pic.twitter.com/4hco6XlGbL
— ANI (@ANI) December 9, 2020
सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “सरकार को गलतफहमी में नहीं होना चाहिए किसान समझौता नहीं करेगा। मैं किसानों से कह रहा हूं कि अगर आप आज नहीं खड़े हुए तो फिर आप कभी नहीं खड़े हो पाओगे और हम सब आपके साथ हैं आप बिलकुल घबराइए मत। आपको कोई पीछे नहीं हिला सकता आप हिदुस्तान हो।”
बिलों को जल्दबाजी में किया गया पारित
राष्ट्रपति से मिलने के बाद शरद पवार ने कहा, “कृषि के बिलों की गहन चर्चा के लिए सभी विपक्षी दलों से अनुरोध किया गया था कि इसे सलेक्ट समिति को भेजा जाए, लेकिन दुर्भाग्य से, कोई सुझाव स्वीकार नहीं किया गया और बिलों को जल्दबाजी में पारित कर दिया गया.” उन्होंने कहा, “इस ठंड में किसान अपनी नाखुशी जताते हुए शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर उतर रहे हैं। इस मुद्दे को हल करना सरकार का कर्तव्य है।”
There was a request from all opposition parties for in-depth discussion of farm bills & that it should be sent to select committee, but unfortunately, no suggestion was accepted & bills were passed in hurry: NCP chief Sharad Pawar after meeting of opposition with President Kovind pic.twitter.com/akmTCN5Gkm
— ANI (@ANI) December 9, 2020