लगातार सातवीं बार प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से देश को करेंगे संबोधित

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नई दिल्ली. कल, शनिवार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), लगातार सातवीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। इस बार प्रधानमंत्री का संबोधन, कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic), चीन के साथ जारी गतिरोध और आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों पर होगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कई बड़ी घोषणाएं की हैं। अपने पूर्व संबोधनों में प्रधानमंत्री देश के समक्ष बड़ी चुनौतियों के साथ-साथ अपने सरकार की उपलब्धियां भी गिनाते रहे हैं। इस 74वीं आज़ादी के जश्न से पहले आइए डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी के पिछले संबोधनों में की गई घोषणाओं पर एक नजर।

वर्ष 2014

1. “आओ, मेक इन इंडिया” की पहल.

2. गरीबों को बैंक खातों से जोड़ने के लिए जन-धन योजना की घोषणा.

3. ‘स्वच्छ भारत’ अभियान की घोषणा.

4. राष्ट्र को बनाने आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल इंडिया का आह्वान. 

5. सांसद आदर्श ग्राम योजना की घोषणा.

6. मोदी ने घोषणा कि देश के सभी स्कूलों में एक साल के अंदर लड़कियों के लिए अलग शौचालयों का निर्माण होना चाहिए.

7. योजना आयोग को बदलने के लिए एक नए संस्थान की घोषणा. 

वर्ष 2015

1. उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट-अप इंडिया की पहल. 

2. अगले 1,000 दिनों के भीतर सभी 18,500 गैर-विद्युतीकृत गांवों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य की घोषणा. 

3. प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 17 करोड़ बैंक खाते खोलने पर वित्तीय समावेश में  बढ़ावा मिलने की घोषणा. 

5. काले धन पर अंकुश लगाने के कदमों का ब्योरा दिया और भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की.

6. कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय करने की घोषणा.

7. ‘एक राष्ट्र एक पेंशन’ की स्वीकृति की घोषणा.

वर्ष 2016

1. प्रधानमंत्री मोदी ने दो साल में 2 करोड़ से अधिक शौचालय बनाने की बात कही.

2. 21 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत जोड़ा गया.

3. लगभग 1700 अप्रचलित कानूनों में से लगभग 1,175 को समाप्त कर करने की घोषणा.

4. लाल किले की प्राचीर से पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने बलूचिस्तान, गिलगित और पीओके का जिक्र किया. उन्होंने वहां के नागरिकों का धन्यवाद किया.

5. स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों की पेंशन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा.

6. गैर-विद्युतीकृत गांवों में से 10,000 गांवों तक बिजली पहुँचने की घोषणा.

वर्ष 2017

1. पीएम ने ‘बदल सकता है’ रवैये का आह्वान किया. 

2. 14,000 से अधिक गांवों में बिजली पहुंचाने की घोषणा.

3. दो करोड़ से अधिक माताएं और बहनों द्वारा ईंधन के उपयोग किये जाने की बात. 

4. वीरता पुरस्कार के लेखे-जोखे के लिए वेबसाइट शुरू करने की घोषणा.

5. उन्होंने देश को  “भारत जोड़ो’ (यूनाइट इंडिया)” का नारा दिया. 

6. देशवासियों से कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने की अपील. 

7. सरकार द्वारा 1.25 लाख करोड़ रुपये काला धन जब्त करने की जानकारी. 

8. हवाला लेनदेन की 3 लाख शेल कंपनियों में से 1.75 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने की बात. 

वर्ष 2018

1. एक भारतीय को 2022 तक मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन के एक भाग के रूप में अंतरिक्ष में भेजने का ऐलान किया.

2. आत्मनिर्भरता भारत के तहत 13 करोड़ मुद्रा ऋण प्रदान किए जाने की जानकारी 

3. गरीब नागरिकों हेतू गंभीर बीमारियों के लिए मुफ्त इलाज के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान शुरू करने की घोषणा.

4. भारतीय सशस्त्र बलों के लघु सेवा आयोग में महिला अधिकारियों की नियुक्ति के लिए स्थायी आयोग के अनुदान की घोषणा.

5. प्रधानमंत्री ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य इनपुट लागत को डेढ़ गुना बढ़ा दिया.

6. पीएम ने कहा कि देश रिकॉर्ड खाद्यान्न का उत्पादन कर रहा है और मोबाइल फोन की रिकॉर्ड संख्या बना रहा है. ट्रैक्टरों की बिक्री एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई है. देश आजादी के बाद सबसे ज्यादा हवाई जहाज खरीद रहा है.

7. देश के मछुआरों की सहायता के लिए भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) NavIC को प्रक्षेपित करने की घोषणा.

पिछले वर्ष 2019 में मिले भारी बहुमत के बाद स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री ने तीन तलाक के खिलाफ कानून लाने और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की बात प्रमुखता से रखी थी। पीएम ने जनसंख्या को नियंत्रित करने और पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की आवश्यकता पर भी बात की थी। मोदी जब 74वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करेंगे तो कोविड-19 से निपटने में सरकार के प्रयासों का जिक्र कर सकते हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा वर्ष है और सरकार ने अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार की पहल शुरू की है जबकि कोविड-19 से यह बुरी तरह प्रभावित हुई है।