RIC Meeting: Foreign ministers of Russia, India and China to hold a digital meeting on November 26
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नई दिल्ली: विदेश मंत्री (MEA) एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने बुधवार को यूरोपीय नीति अध्ययन केंद्र (Centre for European Policy Studies) में आयोजित कार्यक्रम में कहा, “हमारे सरकार के सत्ता में आने के बाद, हमने वार्ता की आवश्यकता के बारे में बार-बार बात की थी. हम एक उचित और संतुलित एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) (Free trade agreement) चाहते हैं. मैं मानता हूं कि यूरोप के साथ एक एफटीए एक आसान समझौता नहीं है. वार्तालाप जारी हैं.” 

कई प्रमुख चिंताओं का समाधान नहीं किया गया

विदेशमंत्री ने कहा, “हमने देखा कि हमारी कई प्रमुख चिंताओं का समाधान नहीं किया गया था. हमें एक कॉल लेना था, चाहे व्यापार समझौते में प्रवेश करना हो अगर हमारी प्रमुख चिंताओं को दूर नहीं किया जाता है.”

लोग यूएन की कमी और प्रासंगिकता की ओर इशारा कर रहे

जयशंकर ने कहा, “दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग लोग संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की कमी और प्रासंगिकता की ओर इशारा कर रहे हैं, यह कुछ ऐसा है जिसे संयुक्त राष्ट्र को गंभीरता से लेना चाहिए. यह सामान्य ज्ञान है. सब कुछ अद्यतन करने की आवश्यकता है.”

उन्होंने कहा, “हम 1 या 2 देशों के हित को नहीं दे सकते जो अपने सतत लाभ के लिए इतिहास के एक पल को रोकना चाहते हैं. अब हम इस ग्रिडलॉक को जारी रखते हैं, यह संयुक्त राष्ट्र को नुकसान पहुंचा रहा है.”