नई दिल्ली: पूर्व सांसद और पिछले दिनों कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा देने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता पीसी चाको (PC Chacko) आज मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस (Nationalist Congress Party) में शामिल होने वाले हैं। इसके पहले उन्होंने राजधानी दिल्ली में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच काफी देर बैठक हुई। दोनों नेता जल्द ही पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे।
इसके पहले चाकों ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “शरद पवार से मिल रहा हूं। जो भी संकट पार्टी का सामना कर रहा है, उस पर चर्चा करने की आवश्यकता है। मैं भविष्य की कार्रवाई के बारे में चर्चा करने के लिए सीताराम येचुरी और जीएन आज़ाद से भी मिल रहा हूं। मुझे एलडीएफ के लिए अपना समर्थन बढ़ाने की जरूरत है। मैं पवार साहब से मिलने के बाद (शामिल होने पर) फैसला करूंगा।”
I’m meeting Sharad Pawar. Whatever crisis party is facing, it needs to be discussed. I’m also meeting Sitaram Yechury & GN Azad to discuss future course of action. I need to extend my support to LDF. I’ll decide (on joining) after meeting Pawar sahab: Ex-Congress leader PC Chacko pic.twitter.com/qwxDZo2zGp
— ANI (@ANI) March 16, 2021
ज्ञात हो कि, एक हफ्ते पहले पीसी चाको ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था। पार्टी में चल रही गुटबाजी और टिकट देने में की गई अनदेखी के वजह से उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया।
कांग्रेस पहले जैसी पार्टी नहीं रही
कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए चाको ने कहा था कि , ‘मैं केरल से आता हूं जहां कांग्रेस जैसी कोई पार्टी नहीं है. वहां दो पार्टियां हैं- कांग्रेस (I) और कांग्रेस (A). दो पार्टियों की कोऑर्डिनेशन कमेटी हैं, जो KPCC की तरह काम कर रही है।” उन्होंने आगे कहा था कि, ” केरल एक अहम चुनाव के मुहाने पर है. लोग कांग्रेस की वापसी चाहते हैं, लेकिन शीर्ष नेता गुटबाजी में लगे हैं. मैं हाईकमान से कह चुका हूं कि यह सब खत्म होना चाहिए, लेकिन हाईकमान दोनों समूहों के प्रस्तावो से भी सहमति जता रहा है।”
चाको ने कहा, “कांग्रेसी होना सम्मान की बात है, लेकिन केरल में आज कोई कांग्रेसी नहीं हो सकता है. या तो वो आई ग्रुप से हो सकता है या फिर ए ग्रुप से. इसलिए मैंने उससे बाहर निकलने का फैसला किया. इस आपदा को हाईकमान मूकदर्शक बनकर देख रहा है और कोई हल नहीं है।”