Hearing on June 29 on a petition against blacklisting foreigners involved in taboo activities

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नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कोविड-19 महामारी से संबंधित मनोवैज्ञानिक मामलों से निपटने के लिए कुछ जिलों में तत्काल आधार पर परामर्श केंद्र स्थापित करने की जरूरत पर विचार करने को कहा। महामारी के कारण उपजे मनोवैज्ञानिक कारकों के चलते आत्महत्या और तनाव के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर याचिका दायर कर यह मांग की गई थी।

अदालत ने पाया कि कोविड-19 के मद्देनजर वर्तमान हालात में मनोवैज्ञानिक मामलों से निपटने के लिए दिल्ली के निवासियों को परामर्श की आवश्यकता है और आम आदमी पार्टी सरकार से परामर्श मुहैया कराने के लिए 24 घंटे सेवा देने वाला टोल-फ्री नंबर उपलब्ध कराने पर विचार करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जालान की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई में वकील एवं याचिकाकर्ता सुनील कुमार की इस बाबत मांग करने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया। पीठ ने यह आदेश शुक्रवार को जारी किया जो शनिवार को उपलब्ध हुआ।