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लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिला के प्रति अपराधों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। एक तरफ जहाँ हाथरस (Hathras) की बेटी का बीते मंगलवार देर रात को अंतिम संस्कार पुलिस द्वारा किया गया। ठीक वैसे ही बलरामपुर (Balrampur) गैंगरेप पीड़िता का भी देर रात भारी सुरक्षाबलों की तैनाती के बीच अंतिम संस्कार किया गया। एक प्रकार से फिर अपराधियों ने योगी प्रशासन के गाल पर तमाचा मारा है।

क्या थी घटना 

दरअसल यह घटना बीते मंगलवार की है जब कॉलेज में एडमिशन फीस जमा करने के बाद लौट रही छात्रा के साथ एक दर्दनाक गैंगरेप की घटना हुई थी। इस घटना को लेकर लड़की के परिजनों का आरोप है कि छात्रा को अगवा करने के बाद गैंगरेप किया गया। इस मामले में पुलिस ने दो नामजद आरोपियों को अपनी गिरफ्त में लिया है।

अब इस मुद्दे पर पुलिस और दिवंगत लड़की के परिवार वालों के बीच मतैक्य हो रहा है। परिवार वालों के अनुसार 22 वर्षीय दलित लड़की एक निजी कंपनी में काम करती थी।मंगलवार 29 सितम्बर  की शाम जब वह समय पर घर नहीं पहुंची तब उसके माता पिता ने उसकी तलाश शुरू की। पुलिस ने कहा कि लड़की के माता- पिता ने बताया कि लड़की बाद में एक ऑटो रिक्शा से घर पहुंची। वर्मा ने कहा कि लड़की की हालत गंभीर थी और उसके माता पिता उसे अस्पताल ले जाने लगे लेकिन रास्ते में लड़की की मौत हो गई।उन्होंने ने कहा कि अस्पताल से मामले की सूचना पुलिस को मिलने के बाद माता- पिता ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था।

मृतका की माँ का आरोप: हाथ पैर तोड़ दिए थे मेरी बेटी के 

मृतका की मां ने बताया कि, “उसकी लड़की एक डिग्री कॉलेज में एडमिशन कराने गई थी। तभी उसका अपहरण कर उसे इंजेक्शन लगा कर बेहोश किया गया। फिर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि, जिन लोगों ने उसके साथ रेप किया और लड़की की कमर तोड़ दिया साथ ही उसकी टांग भी तोड़ दी। इससे लड़की न तो खड़ी हो पा रही थी न ही बोल पा रही थी। उसकी जुबान से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था। उसने बस इतना कहा कि उसके पेट मे तेज जलन हो रही है और वह मर जाएगी।”

इधर पुलिस ने भी दिया अपना खंडन 

इधर पुलिस ने कहा है कि इस मामले में शिकायत के आधार पर पुलिस ने शाहिद और साहिल नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं पुलिस ने कहा है कि इस मामले में पीड़िता की हाथ पैर और कमर तोड़ने वाली बात सही नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।तहरीर के हवाले से पुलिस ने बताया कि लड़की के हाथ में ग्लूकोज चढ़ाने वाला वीगो लगा हुआ था। वहीं लड़की के परिवारवालों परिजनों ने अपनी तहरीर में उक्त्त दो लड़कों पर आरोप लगाए हैं और कहा है कि इन लड़कों ने हमारी लड़की का इलाज कराया। इन्ही लोगों  ने लड़की के साथ बलात्कार किया है। जब लड़की की हालत खराब हुई तो उन लोगों ने उसे घर भेज दिया। 

लड़की को देखने वाले डॉक्टर ने भी खोले कई राज 

दिवंगत  लड़की को  जिस निजी क्लीनिक में उक्त लड़के लेकर गए थे उसके चिकित्सक, डॉ. जियाउर्रहमान ने बताया कि, “दुकानदार शाहिद का भतीजा साहिल, मंगलवार की शाम करीब सवा पांच बजे अपने घर इलाज करने के लिए मुझे बुलाकर ले गया था। वहां पहुंचने पर मैंने देखा कि यह  लड़की सोफा पर लेटी थी। वह पेट दर्द की बात कहकर मुझसे दवा मांग रही थी, लेकिन घर में किसी महिला सदस्य के न होने पर मैंने दवा देने से मना कर वहां से बाहर निकल आया था । इसके साथ ही आस-पास वालों को बुलाकर छात्रा के घर वालों को सूचना देने की बात  बता कर वापस अपने क्लीनिक चला आया। उसे कौन कहां ले गया। इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

मामले पर डीएम ने भी दिए अपने  कथन 

इस पूरी घटना पर जिलाधिकारी (DM)कृष्णा करुणेश ने बताया कि बुधवार की शाम मृतका के भाई की तहरीर पर शाहिद व साहिल के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म कर मार डालने का मुकदमा दर्ज किया गया है।इलाके में एहतियातन  सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है और मामले की विवेचना जारी है।

बलात्कार कि इस एक और घटना ने योगी प्रशासन को एक बार फिर सवालों के कठघरे में ला खड़ा किया है। जिस  प्रकार से योगी राज में महिलाओं के प्रति गंभीर अपराध हो रहे हैं, वह अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। सच मानें तो यह एक परीक्षा कि घड़ी साबित हो रही है, मुख्यमंत्री योगी  के लिए और साथ ही साथ बीजेपी के लिए भी। देखना है कि CM योगी इन मुद्दों पर कितनी सख्त करवाई करेंगे। 

फिलहाल तो खबर लिखे जाने तक दिवंगत लड़की के परिवार को जिला के जिलाधिकारी (DM) और पुलिस कप्तान (SP) ने मिलकर सांत्वना दी तथा उन्हे 6 लाख 18 हजार रू0 की मुआवजा राशि का अनुमति पत्र दिया भी दिया गया है हमेशा कि तरह यहाँ भी दिलासा दिया गया कि दिवंगत पीडिता को न्याय भी दिया जायेगा