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लखनऊ. अभी आ रह खबर  के अनुसार हाथरस मामले (Hathras Case)  की जांच कर रही एसआईटी (SIT) को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 10 दिन का और समय दिया गया। इससे पहले 30 सितंबर को गठित एसआईटी को सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को बताया कि एसआईटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिन का और समय दिया गया है। अतिरिक्त समय दिए जाने की वजह के बारे में पूछने पर अवस्थी ने बताया “इसका एक ही कारण है और वह यह, कि अभी जांच पूरी नहीं हो पाई है।”

गौरतलब है कि हाथरस में एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी मौत के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने पिछली 30 सितंबर को एसआईटी का गठन किया था। उस वक्त उसे अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सात दिन का समय दिया गया था। यह अवधि आज समाप्त हो रही है। हाथरस मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां खासी तेज हैं। इस मुद्दे को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। राज्य सरकार ने इसकी सीबीआई जांच की भी सिफारिश की है।

विदित हो कि हाथरस मामले (Hathras Case) की जाँच को लेकर बनाई गई एसआईटी की जांच पूरी हो जाने की खबर थी। गृह सचिव भगवन स्वरुप की अध्यक्षता में बनाई गई समिति आज अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी (Yogi Aditynath) को भी सौंपने की बात थी। 

क्या थी घटना ? 

बता दें कि अलीगढ के हाथरस में 19 वर्षीया युवती की हत्या को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। विपक्षी दल लगातार मुख्यमंत्री और सरकार पर हमलावर है। जिसको देखते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी ने मामले की जाँच करने के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था और एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। 

100 से अधिक लोगो से पूछताछ 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले को लेकर एसआईटी ने 100 से अधिक लोगो से पूछताछ और उनके बयान लिया गया है। जिसमें पीडितके परिवार के साथ आरोपी के परिवार वाले भी है। इसी के साथ पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से भी पूछताछ हुई है।

अधिकारियों पर गिर सकती है गाज 

सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार इस मामले से संबंधित कई अधिकारियों पर गाज गिर साक्ति है। एसआईटी मामले पर सही ढंग से काम नहीं करने को लेकर कुछ अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश कर सकती है। बता दें कि जांच टीम के शुरुआती रिपोर्ट के बाद ही जिला एसपी समेत कई पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की गई थी।