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हाथरस: एक तरफ जहाँ हाथरस कांड (Hathras Case) के चलते उत्तरप्रदेश में योगी (Yogi Agityanath) सरकार चारो तरफ से घिरती नजर आ रही है वहीं अब इस मुद्दे पर बड़े बड़े खुलासे हो रहे हैं।

आइये देखते है क्या कुछ ख़ास है आज हाथरस कांड में 

  • प्रवर्तन निदेशालय की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, इस कांड के बहाने जातीय दंगा फैलाने के लिए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पास मॉरिशस से 50 करोड़ की फंडिंग हुई थी । ED का दावा है कि पूरी फंडिंग 100 करोड़ से अधिक रुपये की थी। इस पुरे पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है।
  • इससे पहले बीते मंगलवार को दिल्ली से हाथरस जा रहे 4 लोगों को मथुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था । ये सभी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य बताए गए  हैं। इनके पास से भड़काऊ साहित्य भी मिले थे । गिरफ्तार सदस्यों में एक शख्स बहराइच के जरवल का रहने वाला है। इसके बाद से यूपी पुलिस सक्रिय हो गई है। बहराइच पुलिस का कहना है कि ये इलाका इंडो-नेपाल सीमा से सटा हुआ है और पिछले कुछ समय में पीएफआई से जुड़े कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 
  • इसके पहले UP सरकारने दावा किया था कि, प्रदेश में यूपी में जातीय दंगों की साजिश कराकर दुनिया में PM नरेंद्र मोदी और CM योगी आदित्यनाथ की छवि खराब करने के लिए ‘जस्टिस फार हाथरस’ नाम से रातों रात वेबसाइट तैयार हुई। वेबसाइट में फर्जी आईडी के जरिए हजारों लोग जोड़े गए।
  •  इधर हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मुलाकात करने गये आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिनिधिमंडल में कोविड-19 संक्रमित होने के बावजूद शामिल होने के आरोप में पार्टी विधायक कुलदीप कुमार के खिलाफ बुधवार को मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आप विधायक कुलदीप कुमार के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। कुलदीप ने 29 सितम्बर को घोषित किया था कि वह कोविड-19 से संक्रमित हो गये हैं, इसके बावजूद पृथक-वास के नियमों को तोड़ते हुए वह पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के लिये हाथरस गये थे ।