HEALTH-INSURANCE

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    नयी दिल्ली. एक तरफ कोरोना (Corona) के कारण वैसे ही आम आदमी की कमाई पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। वहीं अब आप महंगाई की इस बोझ में एक और गठरी जल्दी सवार होते देखेंगे। जी हाँ क्योंकि आगामी 1 अप्रैल से आपके स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) का प्रीमियम (Premium) 10 % तक बढ़ सकता है। गौरतलब है कि कोरोना की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने प्रीमियम में बढ़ोतरी को फिलहाल रोक रखा था, लेकिन अब हजारों करोड़ रुपये के आ रहे कोरोना क्लेम (Corona Claim) और IRDAI के स्टैंडर्ड नियम लागू होने के बाद अब इंश्योरेंस कंपनियों को अपना प्रीमियम बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। 

    होगा हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में इजाफा:

    बता दें कि ज्यादातर कंपनियां अपने प्रीमियम को नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत से ही रिवाइज करने लगती हैं। ऐसे में अब सूत्रों और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आगामी 1 अप्रैल 2021 से इंश्योरेंस कंपनियां अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम अब बढ़ा सकती हैं।

    आइये देखते हैं कि किन वजहों हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ना इस बार बिल्कुल तय ही माना जा रहा है:

    कई बीमारियां भी अब पॉलिसी में हुई शामिल: 

    सबसे बड़ी और पहली वजह ये है कि इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने कई गंभीर बीमारियों को भी अब मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल कर दिया है। जी हाँ अब कई ऐसी बीमारियां भी जैसे मानसिक दिक्कतों, जेनेटिक बीमारियों, न्यूरो संबंधी विकारों और मनोवैज्ञानिक बीमारियों को इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल कर लिया गया है। इसलिए ऐसे में बीमा का प्रीमियम बढ़ना तय है। 

    बढ़ता कोरोना क्लेम: 

    दूसरी बड़ी वजह यह है कि बीमा कंपनियों के पास कोरोना के 14 हजार करोड़ रुपये के भारी भरकम दावे आए हैं। जिसमें से फिलहाल 9 हजार करोड़ रुपये के दावे कंपनियां सेटल कर चुकी हैं, बाकी बचे हुए दावों को भी को सेटल किया जा रहा है। अब यह दावे इन बीमा कंपनियों पर सबसे बड़ा बोझ है। जिसकी वसूली इस बार प्रीमियम बढ़ाकर ही की जाएगी। 

    बढ़ता मेडिकल इंफ्लेशन:

    यह भी एक प्रमुख वजह है। जी हाँ अब मेडिकल के क्षेत्र में भी लागत 18-20 % बढ़ा है। इन वजहों के काह्लते अब कंपनियों पर अतिरिक्त भार बढ़ा है। ऐसे में प्रीमियम बढ़ाना इस बार बीमा कंपनियों की मजबूरी ही होगी

    अब रूम रेंट के रेश्यो में  हटेंगे बाकी चार्ज:

    गौरतलब है कि अब रूम रेंट के अनुपात में बाकी चार्जेज हटने से भी प्रीमियम पर बड़ा असर पड़ेग। जहाँ पहले कंपनियां रूम रेंट के अनुपात में बाकी खर्चों जैसे टेस्ट वगैरह पर प्रीमियम काट लेती थीं, लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएंगी। उन्हें रूम रेंट के अलावा बाकी एनी जरुरी चार्जेज भी देने होंगे। जिसकी वजह से इस बार हेल्थ प्रीमियम का बढ़ना तय है।