- अगर किसानों की समस्या का समाधान नहीं होता है तो इससे भी 'बड़ा आंदोलन' होगा : हुड्डा
नयी दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उस टिप्पणी की आलोचना की जिसमें उन्होंने दावा किया था कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में राज्य के किसान शामिल नहीं हैं। हुड्डा ने चेतावनी दी कि अगर किसानों की समस्या का समाधान नहीं होता है तो इससे भी ‘बड़ा आंदोलन’ होगा।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को खट्टर ने आरोप लगाया था कि केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ राजनीतिक पार्टियां किसानों का प्रदर्शन आयोजित कर रही हैं एवं प्रायोजित कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया था कि इस प्रदर्शन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं हैं। खट्टर के दावों को खारिज करते हुए हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के किसान गत कई महीने से केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और वह लगातार सरकार से इन कानूनों को वापस लेने या किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गांरटी देने के लिए नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सवाल किया, “मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि क्या वह प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा का निवासी नहीं मानते? अगर हरियाणा के किसान प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हैं तो पीपली में सरकार के किस पर लाठीचार्ज किया? वे कौन लोग हैं जिन्हें हरियाणा पुलिस ने किसानों के दिल्ली कूच से पहले हिरासत में लिया? वे हजारों किसान कौन थे जिनके खिलाफ हरियाणा सरकार ने प्राथमिकी दर्ज की?”
हुड्डा ने कहा कि खट्टर की टिप्पणी ने किसानों के सम्मान और भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि खट्टर का इतने बड़े आंदोलन को नजरअंदाज करना ‘स्तब्ध’ और ‘परेशान’ करने वाला है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “सरकार को यह समझना चाहिए कि पंजाब और हरियाणा के किसान इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के किसानों से भी समर्थन मिल रहा है। उनकी अनदेखी करना उन लोगों का अपमान है जो हमे भोजन मुहैया कराने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते हम किसानों की मांगों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।” (एजेंसी)