बेंगलुरु. जब एक बस कंडक्टर यूपीएससी की परीक्षा में सफल होता है तो यह अन्य स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के प्रेरणा का स्थान बन जाता है. ऐसी ही एक बेंगलुरु के बस कंडक्टर मधु के यूपीएससी
बेंगलुरु. जब एक बस कंडक्टर यूपीएससी की परीक्षा में सफल होता है तो यह अन्य स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के प्रेरणा का स्थान बन जाता है. ऐसी ही एक बेंगलुरु के बस कंडक्टर मधु के यूपीएससी में सफलता की खबर सभी मिडिया से वायरल हुई थी. हालांकि यह बस कंडक्टर की सफलता की कहानी झूठी निकली है. सबसे पहले "बेंगलुरु मिरर" ने ‘नेक्स्ट स्टॉप : IAS’ इस शीर्षक के साथ यह खबर प्रकाशित की थी. लेकिन सत्यता की जांच पड़ताल करने के बाद ‘बेंगलुरु मिरर’ के संपादक रवि जोशी ने इस मामले पर पाठकों से माफी मांगी है.
We’ve come to know that the BMTC bus conductor who claimed to have cracked the IAS Mains exam was lying. We have reason to believe that the roll number he showed us didnt belong to him. @bangaloremirror is taking down the story till it becomes clear why he lied to BMTC and us
— Ravi Joshi (@Joshi_Aar) January 30, 2020
मधु कर्नाटक के मंडी जिले के मालवी गांव से हैं. उनके सफलता की कहानी सूनने कन्नड़ मीडिया वहां पहुंची. महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने फेसबुक पेज पर इस खबर का उल्लेख किया. जिसके बाद ट्विटर ट्रेंड शुरू हुआ. मधु को देश भर से शुभकामनाएँ के कॉल आने लगे. इसी बिच कई लोगों ने मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की सूची में मधु का नाम खोजने की कोशिश की. लेकिन मधु का नाम मिला नहीं. इसलिए लोगों ने इस बात की पुष्टि करने के लिए ‘बेंगलुरु मिरर’ से संपर्क किया.
आयोग ने साक्षात्कार के लिए पात्र 2333 छात्रों की सूची जारी की है. इस सूचि में मधु नाम के चार सामान्य नाम मिले. लेकिन मधु ने बताया रोल नंबर और अन्य विवरण मधु कुमारी इस नाम की छात्रा के नाम से दिखाई दिया। इसलिए इस सूचि में मधु का नाम नहीं था यह स्पष्ट हुआ.
खबर में बताया गया था कि, काम के साथ रोजाना पांच घंटे पढ़ाई और कन्नड़ के साथ अंग्रेजी का अध्ययन करने से मिली सफलता. यूपीएससी परीक्षा में मधु जैसे बस कंडक्टर ने खुद को आजमाना यह सकारात्मक बात है. ह्यूमन इंटरेस्ट कहानी के रूप में विभिन्न क्षेत्रों के मिडिया ने मूल समाचार का हवाला देते हुए यह समाचार प्रकाशित किया. कई क्षेत्रीय भाषा के मीडिया ने इस खबर को रिपोर्ट किया. उस समय मधु मीडिया के लिए स्पॉटलाइट बन गया था.
केंद्रीय लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी देश के कई छात्र करते है और इस परीक्षा में पूर्व परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार इन चरणों से गुजरना होता है. उम्मीदवारों की संख्या लाखों के घर में होती है. हालांकि, मुख्य परीक्षा के लिए, लगभग बारह से तेरह हजार छात्र नामांकित होते हैं और साक्षात्कार के लिए यह संख्या लगभग दो हजार रहती है.
समाचार में बताया गया था कि, मधु ने जून- 2019 में हुई पूर्व परीक्षा में प्रवेश लिया था. अक्टूबर में पूर्व परीक्षा के नतीजे आने के बाद मधु ने मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने UPSC के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में राजनितिक शास्त्र (Political Science) और अंतर्राष्ट्रीय संबंध के विषय चुने थे. मधुने पूर्व परीक्षा कन्नड़ और मुख्य परीक्षा अंग्रेजी में दी ऐसा बताया गया था.
‘बेंगलुरु मिरर’ के संपादक रवि जोशी ने इस मामले पर पाठकों से माफी मांगी और कहा कि यह खबर वापस ले ली गई है. पूरी जानकारी मिलने के बाद इस मामले को लेकर बयान दिया जाएगा ऐसा ट्वीट उन्होंने किया.