नयी दिल्ली. सरकार की महत्वाकांक्षी पुनर्विकास योजना के तहत सेंट्रल विस्टा (Central Vista) इलाके में 1753 पेड़ों (Trees) को एक जगह से उखाड़कर दूसरी जगह प्रतिरोपित किया जाएगा और 2,000 नए पौधे लगाए जाएंगे। इससे इलाके में हरित दायरे में बढ़ोतरी होगी। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को इस बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण और वन मंत्रालय से आवश्यक मंजूरी और वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद प्रस्तावित योजना के तहत सेंट्रल विस्टा इलाके से 3230 पेड़ उखाड़े जाएंगे और उन्हें बदरपुर में एनटीपीसी इको पार्क में लगाया जाएगा। पेड़ों को एक जगह से उखाड़कर दूसरी जगह लगाने और नए पौधों को लगाने के बाद कुल मिलाकर सेंट्रल विस्टा इलाके में 563 ज्यादा पेड़ होंगे।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘परियोजना स्थल के भीतर 1753 पेड़ एक जगह से उखाड़कर दूसरी जगह प्रतिरोपित किये जाएंगे और सेंट्रल विस्टा इलाके के अंदर 2,000 नए पौधे लगाए जाएंगे।” प्रस्तावित योजना में नुकसान की भरपाई के मकसद से भी पौधारोपण होगा। इससे राष्ट्रीय राजधानी के हरित दायरे में बढ़ोतरी होगी।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘शहर में 36,083 पौधे लगाए जाएंगे और बदरपुर में एनटीपीसी इको पार्क में 32,330 पेड़ लगाने से कुल मिलाकर हरित दायरे में वृद्धि होगी।” सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत संसद का नया भवन, एक साझा सचिवालय बनेगा और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को संवारा जाएगा।
प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के नए आवास का भी निर्माण होगा। कोविड-19 महामारी के बीच सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना जारी रखने के लिए विपक्ष लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है। विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा था कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के बारे में मिथ्या विमर्श शुरू किया जा रहा है और जोर देकर कहा कि यह दिखावे की नहीं, बल्कि जरूरी परियोजना है।
सूत्रों ने बताया सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास के तहत 48 पेड़ों को दूसरी जगह लगाने की योजना और उनमें से जामुन के 22 वृक्ष समेत कुल 25 वृक्षों के लिए अनुमति मिल गयी है। हालांकि, पुराने वृक्ष नहीं उखाड़े जाएंगे। उन्होंने बताया कि पेड़ों को उखाड़कर दूसरी जगह लगाने की योजना को मंजूरी की प्रक्रिया प्रगति में है। (एजेंसी)