Income tax raids on Hyderabad's Pharma Group, Rs 550 crore unaccounted money allegedly found, investigation underway
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नयी दिल्ली. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आयकर विभाग ने जम्मू कश्मीर के एक प्रमुख होटल कारोबारी और जौहरी के परिसरों पर कथित कर चोरी को लेकर छापे मारे हैं। पहले मामले में, विभाग ने एक होटल कारोबारी के यहां बुधवार को छापे मारे और जब्ती की कार्रवाई की। उसके होटल केंद्र शसित प्रदेश के श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटक स्थलों में चल रहे हैं। उसका एक होटल लेह में निर्माणाधीन भी है।

सीबीडीटी ने होटल मालिक की पहचान बताये बिना एक बयान में कहा, ‘‘छापेमारी के दौरान विभाग को जालसाजी के साक्ष्य के तौर पर कई दस्तावेज़ एवं अन्य वस्तुएँ मिली हैं। इसमें अवैध निवेश और अचल संपत्ति, होटल तथा आवास निर्माण से जुड़े कागजात शामिल हैं।”

बयान के अनुसार, ‘‘विभाग ने इसके आधार पर पिछले छः वित्त वर्षों में होटल एवं आवास निर्माण में अवैध निवेश समेत लगभग 25 करोड़ की सम्पत्तियों को जब्त कर लिया है। होटल कारोबारी ने आकलन वर्ष 2014-15 से किसी भी तरह के कर का भुगतान नहीं किया है। सभी निवेश नकद या अज्ञात स्रोत से किए गए हैं।”

सीबीडीटी के अनुसार, ‘‘तलाशी और छापेमारी के दौरान 25 करोड़ के बिना सुरक्षित गारटी के कर्ज से जुड़े कागजात मिले हैं। इसके अनुसार पिछले दो वर्षों में ऐसे लोगों से यह ऋण प्राप्त किए गए हैं, जिनके ऋण देने का औचित्य संदिग्ध है।” बयान में कहा गया है, ‘‘प्रथम दृष्ट्या यह सभी कर्ज अवैध जान पड़ते हैं क्योंकि यह ऐसे व्यक्तियों से लिए गए हैं जिनकी वित्तीय साख स्वयं संदिग्ध है।”

सीबीडीटी ने कहा छापेमारी में यह भी पता चला कि कारोबारी के बच्चे अमेरिका में पढ़ रहे हैं, जिन पर प्रति वर्ष लगभग 25 लाख रूपये का खर्च आ रहा है। अमेरिका में बच्चों की शिक्षा पर खर्च किए जा रहे इस पैसे के बारे में भी प्रथम दृष्ट्या कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। बयान के अनुसार, ‘‘साथ ही यह व्यक्ति अपनी माँ के साथ ट्रस्ट के रूप में एक बी-एड कॉलेज चला रहा है। यह ट्रस्ट पंजीकृत नहीं है और ट्रस्ट का रिटर्न भी नहीं भरा जा रहा है, जबकि इससे होने वाली आय व्यापक तौर पर कर योग्य है।

कारोबारी ने यह स्वीकार किया है कि उसने अपने आवासीय भवन की मरम्मत पर 40 लाख रूपये खर्च किए हैं। जांच के दौरान एक बैंक लॉकर का भी पता चला है जिसे अघोषित रखा गया था। विभाग ने एक अन्य मामले में श्रीनगर के एक जौहरी के यहाँ भी छापेमारी की। बयान के अनुसार, ‘‘जांच में पाया गया कि आभूषण कारोबारी ने अपने व्यापार के बही खाते का हिसाब नहीं रखा है जबकि पिछले वर्षों में व्यवसाय का आकलन 2 से 10 करोड़ के बीच लगाया गया है।”

अधिकारियों को जांच के दौरान एक अघोषित बैंक खाते का भी पता चला है जिसमें जौहरी ने करोड़ों रुपये जमा किए हैं, लेकिन इससे जुड़े कर का भुगतान नहीं किया गया है। उसने वित्त वर्ष 2015-16 में श्रीनगर में अपनी एक अचल संपत्ति 1.90 करोड़ में बेची थी। लेकिन इससे जुड़े पूंजी लाभ कर का भी भुगतान नहीं किया था। जांच के दौरान अधिकारियों को वित्त वर्ष 2019-20 में लीज़ पर दी गई दुकान की पगड़ी के रूप में लिए गए 16 लाख रुपए की रसीद भी प्राप्त हुई है।

विभाग के अनुसार, ‘‘यह आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269एसएस के प्रावधान का उल्लंघन है। 16 लाख रूपये की नकदी लेन देन के बारे में व्यवसायी और दुकान पट्टे पर लेने वाले, दोनों ने स्वीकार किया। पट्टा लेने वाले ने भी 16 लाख रूपये के नकद लेन-देन की जानकारी छिपाई।” जांच में यह भी पता चला कि जौहरी की पत्नी ने दिल्ली में अपने एक फ्लैट को वित्त वर्ष 2019-20 में 33 लाख रूपये में बेचा था। लेकिन इससे जुड़े पूंजी लाभ कर का भी भुगतान नहीं किया गया।

इस संपत्ति की बिक्री में 33 लाख में 13 लाख रुपये नकद लिए गए थे जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269एसएस के प्रावधानों का उल्लंघन है। संपत्ति को खरीदने वाले की आय के स्रोत का प्रथम दृष्टया खुलासा नहीं हुआ है। इसकी भी जांच की जा रही है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी की बेटी विदेश में रह कर पढ़ाई कर रही है। लेकिन उस पर आने वाले खर्च का ब्योरा भी छिपाया गया है। आगे की जांच जारी है। (एजेंसी)