नयी दिल्ली. जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना (Indian Army) ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक कॉर्पोरल वांग या लांग को चीन (China) के सुपुर्द कर दिया है। बीते मंगलवार देर रात को चुशूल-मोल्दो मीटिंग प्वॉइंट पर चीन को उनका सैनिक सौंपा गया। पता हो कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के एक सैनिक को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में बीते सोमवार को उस समय पकड़ लिया गया जब वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ‘‘भटक कर” भारतीय क्षेत्र में आ गया था। चीन ने इसपर दावा किया था कि उसका यह सैनिक गलती से भारत की सीमा में प्रवेश कर गया था।
Indian Army handed over the Chinese soldier Corporal Wang Ya Long to the Chinese Army at the Chushul Moldo meeting point, last night. pic.twitter.com/ZFROVSdhDz
— ANI (@ANI) October 21, 2020
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि चीनी सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में की गयी है। घटना के मुताबिक यह सैनिक 19 अक्टूबर 2020 को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में भटक गया था। वहीं भारत ने इस पीएलए (PLA) सैनिक को हिरासत में लेने के बाद अत्यधिक ऊंचाई और कठोर जलवायु परिस्थितियों से बचाने के लिए ऑक्सीजन, खाना और गर्म कपड़े सहित चिकित्सा भी मुहैया कराकर एक मिसाल पेश की थी।
भारत को चीनी सैनिक पर था शक
ख़बरों के मुताबिक भारत को यह शक था दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दौरान कहीं ये चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में जासूसी तो नहीं कर रहा था, इसपर PLA ने यह दावा किया है कि उसका यह सैनिक चरवाहे की याक ढूंढने में मदद करते हुए रात को कहीं खो गया था और इस दौरान वह गलती से भारतीय सीमा में आ गया था। वहीं भारत ने अंतरराष्ट्रीय नियमों और प्रचलित परंपराओं का सम्मान और निर्वाह करते हुए इस सैनिक को वापस करने पर राजी हो गया था।
क्या है अंतरराष्ट्रीय नियम जिसका होगा पालन
अंतरराष्ट्रीय नियम के अनुसार शांति काल में जब भी किसी देश का सैनिक दूसरे देश में पकड़ा जाता तो सर्वप्रथम उसकी तलाशी होती है। इसके बाद पकड़े गए सैनिक की पहचान की जाती है। उसके बाद उसके पकड़े जाने की सूचना दूसरे डेस्क या पक्ष को दी जाती है। अपनी जांच से पूर्णपूर्ण रूप से संतुष्ट होने के बाद ही पकड़े गए सैनिक को ससम्मान उसके देश को वापस सौंप दिया जाता है।