नई दिल्ली: लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने छुप कर भारतीय जवानों पर हमला किया, जिसमें 20 वीर जवानों की मौत हो गई थी. चीन की इस हरकत को लेकर भारत सरकार ने अपना कड़ा रुख अपना लिया है. सैन्य मोर्चे के साथ अब उसे आर्थिक मोर्चे पर तगड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है. इसी सिलसिले में सरकार ने रविवार को चीन से आयात की जाने वाले सामानों की विस्तृत जानकरी मांगी है.
सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार सरकार इन सामानों पर लगने वाले शुल्क को बढ़ा सकती है, जिससे वह से चीजों का आयात कम किया जा सके और आत्मनिर्भर भारत योजना को देश में बढ़ावा दिया जा सके. इसी विषय पर पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने एक बड़ी बैठक भी की है, साथ में देश के उद्योगों को चीनी सामानों को लेकर अपने सुझाव भी देने को कहा गया है.
यह सामना है शामिल
केंद्र सरकार द्वारा मांगी गई जानकरी में चीन से आयात होने वाले कलाई घड़ी, दीवार घड़ी, ग्लास रॉड्स एवं ट्यूब्स, हेयर क्रीम, हेयर शैंपू, फेस पाउडर, आई एंड लिप मेक अप प्रीपेरेशंस, प्रिंटिंग इंक, पेंट्स और वार्निश तथा तंबाकू के कुछ उत्पाद जैसे शामिल है.
इसी के साथ 2014 से लेकर 2019 तक चीन से आयात हुए सामानों के आकड़े, मुक्त व्यापार समझौतों के तहत आयात, घरेलू सामानों की घरेलू कीमतें जो यहां बनाई गई हैं, देश में उत्पादन क्षमता, उत्पादन मूल्य के लंबित मुद्दे भी इस सूचि में शामिल है.
2019-2020 में चीन से 62.4 अरब डॉलर का आयात
भारत और चीन के बीच हर साल अरबों रुपए का व्यापार होता है. जिसमें 80 प्रतिशत सामान चीन से आयात किया जाता है. 2019-20 के आकड़े देखे तो भारत में जहां 62.4 अरब डॉलर का आयात किया वहीं सिर्फ़ 15.5 अरब डॉलर का निर्यात चीन को किया है. दोनों देशों के बीच 47 अरब डॉलर का व्यापार घटा रहा. भारत ने इसको लेकर कई बार अपनी चिंता भी ज़ाहिर कर चूका है.