नयी दिल्ली/महाराष्ट्र. जहाँ महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corona) कि लड़ाई अपने चरम पर है। वहीं अब मुंबई (Mumbai) के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल मुंबई के उपनगर और एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी (Dharavi) में बीते शुक्रवार को कोरोना का एक भी नया मरीज (Patients) नहीं मिला है। यह सिर्फ यहाँ के लोगो की जागरूकता और डॉक्टरों की मेहनत से ही संभव हुआ है।
गौरतलब है कि धारावी में पहला केस 1 अप्रैल को आया था। तब से यह ऐसा पहली बार ही हुआ है। 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले धारावी में एक ही महीने में कोरोना के केस में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। यहाँ से रोजाना करीब 100 संक्रमण के केस आ रहे थे। एक समय कुल संक्रमितों का आंकड़ा 3000 के पार भी पहुंच गया था। फिर टेस्टिंग और सख्ती बढ़ाने पर यहां जुलाई में हालात काबू में आए। यही नहीं यहाँ के कोरोना से निपटने के तरीकों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी तारीफ की थी।
With 22,272 new #COVID19 infections, India’s total cases rise to 1,01,69,118
With 251 new deaths, toll mounts to 1,47,343 . Total active cases at 2,81,667
Total discharged cases at 97,40,108 with 22,274 new discharges in the last 24 hours. pic.twitter.com/NmkqV0UTRk
— ANI (@ANI) December 26, 2020
क्या कहता है नगर निगम:
इस बाबत नगर निगम के एक अधिकारी ने शुक्रवार शाम को यह जानकारी दी। एक अप्रैल को क्षेत्र में कोरोना वायरस के पहले रोगी का पता चला था, जिसके बाद से अब पहली बार 24 घंटे में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। नगर निकाय अधिकारी ने बताया कि धारावी में संक्रमण के कुल मामले 3,788 हैं, हालांकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 12 है, जिनमें से आठ घर में पृथकवास में और चार एक कोविड देखभाल केंद्र में हैं।
धारावी में अब तक 3,464 लोग ठीक हुए हैं। महामारी की शुरुआत में, दुनिया की सबसे घनी शहरी झुग्गी बस्तियों में शामिल धारावी बृहन्मुंबई नगर निगम के लिए चिंता का कारण बन गया था। हालांकि, बीएमसी ने अपने आक्रामक तौर पर काम करते हुए वायरस की स्थिति को काबू में किया। जुलाई में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने धारावी का उदाहरण दिया था कि वायरस को कैसे नियंत्रित किया जाए। बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, “यह चार ‘टी’- ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट और हर स्तर पर सक्रिय सामुदायिक भागीदारी का परिणाम है।”
क्या है देश की स्तिथि:
वहीं अब भारत में 6 महीने बाद पहली बार कोरोना से हुई दैनिक मौतों की संख्या 300 से नीचे रही और देशभर में मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 1,47,343 हो गई, जबकि संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,01,69,118 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे की अवधि में संक्रमण से 251 और मरीजों की मौत हुई और 22,273 नए मामले सामने आए।
गौरतलब है किदेश में शुक्रवार को कोरोना के 22 हजार 336 नए केस आए थे। इसमें से 22 हजार 134 मरीज ठीक हुए और 251 की मौत हो गई थी। इस तरह अब अगर हम एक्टिव केस (इलाज करा रहे मरीज) में सिर्फ 63 की ही कमी आई। एक्टिव केस का यह आंकड़ा 26 नवंबर के बाद फिलहाल सबसे कम है। विदित हो कि उस दिन इनमें कमी की बजाय 2927 की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
देशभर में इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 97,40,108 हो गई, जिससे राष्ट्रीय स्वस्थ दर बढ़कर 95.78 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि कोविड-19 मामले में मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। आंकड़े के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या लगातार पांचवें दिन तीन लाख से नीचे रही। देश में अब 2,81,667 मरीजों का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.77 प्रतिशत है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, 25 दिसंबर तक 16,71,59,289 नमूनों की जांच हुई है, जिसमें शुक्रवार को हुई 8,53,527 जांच शामिल हैं।