vaccine

Loading

नयी दिल्ली. एक तरफ जहाँ रूस के कोरोना वायरस की वैक्सीन बना लेने के एलान से पूरी दुनिया में बातें शुरू हो चुकी हैं। वहीं अब भारत भी अन्य सभी देशों के साथ वैक्सीन बनाने की रेस में शामिल है, और  कोशिश कर रहा है कि जल्द ही एक सफल वैक्सीन बनाकर देशवासियों को दिया जाये। इसके तहत अभी तक जारी वैक्सीन के ट्रायल का फेज़ 1 लगभग सम्पूर्ण हो चूका है। भारत बायोटेक की ओर से बनाई जा रही को-वैक्सीन का पहला ट्रायल होने के बाद अब इसके दुसरे फेज़ की ट्रायल भी आगामी सितम्बर से शुरू हो जाएगी।

आपको बता दें कि भारत बायोटेक का अभी कुल 12 सेंटर पर वैक्सीन का ट्रायल  फेज़ चल रहा है, इनमें दिल्ली के एम्स अस्पताल में अभी पहला फेज़ ही जारी है। जबकि अन्य 11 सेंटर पर पर यह लगभग ख़त्म हो चूका  है। जहाँ दिल्ली एम्स में ट्रायल के लिए सिर्फ 16 कैंडिडेट ही सामने आ सके हैं वहीं अन्य सभी 12 सेंटर पर ये संख्या 375 के करीब रही है ।

इनमे से एक सेंटरमहाराष्ट्र के नागपुर भी है जहाँ अब तक  55 कैंडिडेट को यह वैक्सीन दी गई है। जिसमें से कुछ को वैक्सीन देने के बाद बुखार की समस्या तो हुई जो कुछ ही घंटे में ठीक भी हो गया है । उनमें किसी तरह का कोई भी अन्य चिनाताजनक लक्षण नहीं दिखे हैं। नागपुर सेंटर ने इस बाबत अपनी रिपोर्ट भी जमा कर दी है। 

आपको बता दें कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने यह दावा करते हुए कहा था  है कि दिसंबर की शुरुआत में उनकी कंपनी कोविड-19 वैक्‍सीन या टिका बाजार में  लॉन्‍च कर देगी। इसके साथ ही जायडस कैडिला कंपनी के चेयरमैन पंकज पटेल ने कहा भी कहा था कि अगले  साल मार्च तक वैक्‍सीन लॉन्‍च होने  की उम्‍मीद है। बता दें कि जायडस कैडिला की वैक्‍सीन का फेज 1 ट्रायल लगभग पूरा होने ही वाला है। इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को फेज 2-3 की इजाजत मिल गई है। बीते 7 अगस्त को SERUM इंस्टिट्यूट ने वैक्‍सीन अलायंस Gavi और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप का ऐलान भी  किया था। यही नहीं कंपनी भारत और कम आय वाले देशों के लिए कोरोना वैक्सीन के  100 मिलियन डोज तैयार कर रही है। इसके साथ ही  Zydus Cadila के द्वारा निर्मित  ZyCOV-D का फेज 1 भी पूरा हो गया है, जबकि दूसरे फेज के लिए 1000 लोगों का चुनाव हो रहा है।

दूसरी तरफ रूस ने जिस वैक्सीन का दावा किया है उस पर भी अब सवाल उठ रहे हैं वहीं इसको अब तक WHO की मंजूरी भी न मिल पायी है। रूस ने अपने वैक्सीन का नाम  ‘स्‍पू‍तनिक वी’ (Sputnik V) नाम दिया है। रूस ने दावा भी किया था कि वैक्सीन काफी प्रभावी ढंग से काम करता है, मजबूत प्रतिरक्षा बनाता है और इसने सभी आवश्यक जांचों को पास कर लिया है। रूस जल्द ही इस वैक्सीन का मास प्रोडक्शन शुरू करने वाला है। लेकिन रूस के सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े करने वाले देश और दुनिया अब भी एक निहायती भरोसेमंद वासिने की बाट जोह रही है जो शायद जल्द ही भारत उन्हें प्रदान कर सकता है।