Locust Attack

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नयी दिल्ली. खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने टिड्डियों के हमले को लेकर देश को अगले एक महीने तक सतर्क रहने को कहा है। एफएओ ने यह चेतावनी ऐसे समय जारी की है, जब देश टिड्डियों के पिछले 26 साल के सबसे बड़े हमले से जूझ रहा है। सरकार ऐसे हालात में टिड्डियों पर नियंत्रण करने के लिये ड्रोन और बेल हेलीकॉप्टर जैसे आधुनिक उपकरणों व प्रौद्योगिकियों का प्रयोग कर रही है। टिड्डियों के हमले से राजस्थान सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। मध्यप्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार जैसे राज्य भी इससे प्रभावित हुए हैं।

एफएओ ने शुक्रवार को कहा कि मानसून आने के साथ ही आने वाले दिनों में भारत-पाकिस्तान सीमा से उत्तरी राज्यों की ओर गया टिड्डियों का दल फिर से राजस्थान की तरफ लौट सकता है। इनके अलावा, ईरान और पाकिस्तान से टिड्डियों का आना जारी है। मध्य जुलाई के आस-पास अफ्रीका से चला टिड्डियों का दल भी पहुंच सकता है। एफएओ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के साथ ही सूडान, इथियोपिया, दक्षिणी सूडान और सोमालिया को भी अगले चार सप्ताह तक सतर्क रहना चाहिये।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार, राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, दौसा और भरतपुर तथा उत्तर प्रदेश के झांसी और महोबा जिलों में अपरिपक्व गुलाबी टिड्डियों और वयस्क पीले टिड्डियों के झुंड सक्रिय हैं। हालांकि, सरकार टिड्डियों के हमलों से फसलों को होने वाले नुकसान की जांच के लिये नियंत्रण अभियान जारी रखे हुए है। एक बेल हेलीकॉप्टर ने चार जुलाई को राजस्थान के जैसलमेर जिले में अपनी पहली उड़ान भरी और लक्षित क्षेत्रों में रासायनिक छिड़काव किया। तीन-चार जुलाई की मध्यरात्रि में, राजस्थान के छह जिलों (जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, और दौसा) में 25 स्थानों पर तथा उत्तर प्रदेश के झांसी में दो स्थानों पर लोकस्ट सर्किल ऑफिस (एलसीओ) के द्वारा नियंत्रण कार्य किया गया।

इसके अलावा राज्य के कृषि विभागों ने उत्तर प्रदेश के झांसी और महोबा जिलों में चार स्थानों पर तथा राजस्थान के भरतपुर जिले में दो स्थानों पर छोटे समूहों व टिड्डियों की बिखरी हुई आबादी पर नियंत्रण अभियान चलाया। अब तक, एलसीओ के द्वारा राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कुल 1,35,207 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन किये गये हैं।राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार में 1,13,215.5 हेक्टेयर क्षेत्र में राज्य सरकारों ने भी नियंत्रण के उपाय किये हैं।

मंत्रालय ने कहा, “गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में फसलों को कोई महत्वपूर्ण नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, राजस्थान के कुछ जिलों में कुछ मामूली नुकसान हुए हैं।” अभी स्प्रे वाहनों के साथ 60 नियंत्रण दलों को राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में तैनात किया गया है। केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण कार्यों में लगे हुए हैं। इसके अलावा, 12 ड्रोन के साथ पांच कंपनियों को राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी में तैनात किया गया है। (एजेंसी)