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नयी दिल्ली.  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि भारत (India) और उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं और उग्रवाद, कट्टरवाद तथा अलगाववाद के बारे में दोनों देशों की चिंताएं भी एक जैसी हैं।

क्या कहा PM मोदी ने:

भारत-उज्बेकिस्तान आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकसान के राष्ट्रपति शौकत मीरजियोयेव से चर्चा के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘‘उग्रवाद, कट्टरवाद तथा अलगाववाद के बारे में हमारी एक जैसी चिंताएं हैं। हम दोनों ही आतंकवाद के ख़िलाफ़ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं। क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी हमारा एक जैसा नजरिया है।” मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हुई है और भारत, उज्बेकिस्तान के साथ विकास की भागीदारी को भी और घनिष्ट बनाना चाहता है।

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि भारतीय ‘‘लाइन ऑफ क्रेडिट” के अंतर्गत कई परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उज्बेकिस्तान की विकास प्राथमिकताओं के अनुसार हम भारत की विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। अवसंरचना, सूचना और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत में काफी काबिलियत है, जो उज्बेकिस्तान के काम आ सकती है।”

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कृषि संबंधित संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना को प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे दोनों देश अपने कृषि व्यापार बढ़ाने के अवसर खोज सकते हैं जिससे दोनों देशों के किसानों को मदद मिलेंगी l प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के इस समय में दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे को किए गए भरपूर सहयोग पर संतोष जताया।