भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा – LAC पर तनाव कम करने के लिए बात शुरू, 30 अक्टूबर को अगली बैठक

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नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया है. इस दौरान चीन (China) , पाकिस्तान (Pakistan) और अमेरिका (America) के साथ होने वाली बैठक को लेकर जानकरी साझा की. मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Shrivastva) ने कहा, “लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (Line Of Actual Cantrol) पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कुटनीतिक स्तर पर लगातार बात शुरू रहेगी. इसी क्रम में अगली बैठक 30 अक्टूबर को होने वाली है.”

क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर होगी बात 

अमेरिका के साथ होने वाली बैठक को लेकर मंत्रालय ने कहा, “तीसरा भारत-यूएस 2 + 2 मंत्रिस्तरीय संवाद पारस्परिक हित के द्विपक्षीय मुद्दों को काटने पर व्यापक चर्चा करेगा. दोनों पक्ष क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.” उन्होंने कहा, “सचिवों एंड्रयू और पोम्पेओ ने अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं, वे एनएसए से भी मुलाकात करेंगे और पीएम के साथ एक संयुक्त बैठक करेंगे.”

पाकिस्तान आतंकवादी और संगठनो को आश्रय देने वाला देश 

एफएटीएफ में पाकिस्तान को ग्रे सूचि में रखने पर विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान ने अपनी कार्ययोजना के तहत दिए गए 27 एक्शन आइटमों में से अब तक केवल 21 एक्शन आइटमों को संबोधित किया है. छह महत्वपूर्ण कार्रवाई आइटम अभी तक संबोधित नहीं किए गए हैं. जैसा कि सर्वविदित है, पाकिस्तान आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करना जारी रखता है.”

मंत्रालय ने आगे कहा, “पाकिस्तान ने कई आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की है, जिनमें यूएनएससी द्वारा मुकदमा चलाया गया है – जैसे कि मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम और जकीउर रहमान लखवी.”

पाकिस्तानी सेना ने 3800 बार किया युद्ध विराम उल्लंघन

अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “पाकिस्तान की सेना ने लगातार युद्धविराम उल्लंघन जारी रखा है और अक्सर ये उल्लंघन एलओसी के पार आतंकवादियों की घुसपैठ का समर्थन करने के लिए नागरिक क्षेत्रों से होता है. इस साल, अब तक पाकिस्तानी बलों ने 3800 गैर-युद्ध विराम उल्लंघन का उल्लंघन किया है.”

उन्होंने कहा, “नागरिक गतिविधियों की आड़ में एलओसी के पार हथियार और गोला-बारूद गिराने का भी प्रयास किया गया है. हमने यह भी देखा है कि सीमा पार आतंकवाद, हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी में पाकिस्तान की सहायता और वंचना अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक फैल गई है.”