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    नई दिल्ली. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन (National Hydrogen Energy Mission) के तहत बड़ी पहल करते हुए हाइड्रोजन फ्यूल सेल (Hydrogen Fuel cell) से ट्रेन चलाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।  

     रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडियन रेलवे ऑर्गनाइजेशन ऑफ अल्टरनेट फ्यूल (IROAF) ने उत्तर रेलवे के 89 किमी सोनीपत-जींद सेक्शन (Sonipat-Jind Section) में एक डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (DEMU) को रेट्रोफिटिंग करके हाइड्रोजन फ्यूल आधारित तकनीक (Hydrogen Fuel Technology) के विकास के लिए बोली मंगाई है। 

    रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के जानकारी अनुसार भारत विश्व का तीसरा देश होगा जहां ग्रीन एनर्जी का प्रयोग शुरू किया जा रहा है। बता दें कि जर्मनी और पोलैंड भी ग्रीन एनर्जी का प्रयोग  कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि दो लोकल ट्रेनों (डेमू) में बदलाव कर हाइड्रोजन फ्यूल सेल लगाए जाएंगे। बाद में नौरो गेज के इंजन हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम में परिवर्तित किए जाएंगे। भारतीय रेल ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन के तहत हरियाणा में सोनीपत-जींद के 89 किलोमीटर सेक्शन पर चलने वाली डेमू ट्रेन में हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित प्रोद्यौगिकी फिट करने के लिए निविदाएं आमंत्रित करेन का फैसला किया गया है।

    निविदा 21 सितंबर से पांच अक्तूबर के बीच दाखिल की जा सकेगी। निविदा पूर्व बैठक 17 अगस्त को होगी। अधिकारी ने बताया कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल से परिचालन होने वाली डेमू ट्रेन से हर साल लगभग 2.3 करोड़ रुपये की बचत होगी। और 11.12 किलो टन नाइट्रोजन डाई आक्साइड व 0.72 किलो टन कार्बन कणों का उत्सर्जन कम होगा। इस प्रणाली में सौर उर्जा के प्रयोग से पानी को विघटित कर हाइड्रोजन प्राप्त की जाती है। यह अब तक सर्वाधिक ग्रीन फ्यूल मॉडल माना गया है। इस प्रयोग की सफलता के बाद सभी डीजल इंजनों को हाइड्रोजन फ्यूल सेल में परिवर्तित किया जाएगा।