भारत का चीन को करार जवाब, कहा- लद्दाख, अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, हमारे आतंरिक मामले से रहे दूर

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नई दिल्ली: चीन (China) द्वारा लद्दाख और अरुणाचल (laddakh and Arnunachal Pradesh) पर किए गए टिप्पणी पर भारत ने करार जवाब दिया है. गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Foreign Ministry) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “लद्दाख, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न अंग हैं. चीन को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के लिए कोई हक़ नहीं है. इसी के साथ अरुणाचल प्रदेश भी भारत का एक अभिन्न अंग है, इस तथ्य को कई स्तरों पर चीनी पक्ष को भी स्पष्ट रूप से बताया गया है, जिसमें उच्चतम स्तर पर शामिल हैं.”

सुषमा स्वराज व्याख्यान का उद्घाटन 

प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “राजधानी दिल्ली में तैनात विदेशी राजनयिकों को पेश करने के लिए डिज़ाइन किए गए ‘सुषमा स्वराज व्याख्यान’ के पहले संस्करण का आज उद्घाटन किया गया. 45 विदेशी राजनयिक इस संस्करण में भाग ले रहे हैं.”

भारत पर इल्जाम लगाकर अपनी विफलता से ध्यान हटाने की कोशिश 

विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमने भारत के मीडिया के आउटलेट्स में वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी के साक्षात्कार पर रिपोर्ट देखी है और उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की है. हमेशा की तरह, यह पाक की घरेलू विफलताओं से ध्यान हटाने और भारत को सुर्खियों में लाकर अपने घरेलू घटकों को भ्रमित करने का प्रयास है.” 

उन्होंने कहा, “अधिकारी को सलाह दी जाती है कि वह अपनी स्थापना के लिए अपनी सलाह को प्रतिबंधित करे और भारत की घरेलू नीतियों पर टिप्पणी न करे। उनके बयान तथ्यों, भ्रामक और काल्पनिक के विपरीत हैं. जिस कथित संदेश को भेजा गया था, उसके संबंध में हमारी ओर से ऐसा कोई संदेश नहीं भेजा गया था.”

भारत म्यांमार को देगा पनडुब्बी 

अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “भारत म्यांमार नौसेना के लिए एक किलो वर्ग पनडुब्बी आईएनएस सिंधुवीर वितरित करेगा. यह म्यांमार नौसेना की पहली पनडुब्बी होगी.”

लोगों की आजीविका, आर्थिक कल्याण पर सरकार का ध्यान 

सीमा पर भारत के बुनियादी ढांचे के बिकास पर चीन की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने कहा, “सरकार ने लोगों की आजीविका, आर्थिक कल्याण में सुधार के लिए बुनियादी ढाँचा बनाने पर ध्यान केंद्रित किया. आर्थिक विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और भारत की सुरक्षा, रणनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार ने विशेष ध्यान दिया.”