बिजनौर (उत्तर प्रदेश). भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) (Bharatiya Kisan Union) (BKU), के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार की ‘‘खामोशी” इशारा कर रही है कि सरकार किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के खिलाफ कुछ रूपरेखा तैयार कर रही है। सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत का दौर थम जाने पर उन्होंने कहा कि फिर से बात करने का प्रस्ताव सरकार को ही लाना होगा।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जाते समय रविवार रात बिजनौर के अफजलगढ़ में पत्रकारों से कहा, ‘‘15-20 दिनों से केंद्र सरकार की खामोशी से संकेत मिल रहा है कि कुछ होने वाला है। सरकार आंदोलन के खिलाफ कुछ कदम उठाने की रूपरेखा बना रही है।” टिकैत ने कहा, ‘‘समाधान निकलने तक किसान वापस नहीं जाएंगे। किसान भी तैयार है, वह खेती भी देखेगा और आंदोलन भी करेगा। सरकार को जब समय हो वार्ता कर ले।” टिकैत ने कहा कि 24 मार्च तक देश में कई जगह महापंचायत की जाएगी। गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान लालकिला परिसर में हुए बवाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारा बखेड़ा सरकार ने खड़ा किया।
तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा जगह-जगह अपनी खड़ी फसल नष्ट कर देने संबंधी सवाल पर टिकैत ने कहा, ‘‘भाकियू तो किसानों को बता रही है कि अभी ऐसा समय नहीं आया है लेकिन सरकार किसान को ऐसा कदम उठाने से रोकने के लिए कोई अपील क्यों नहीं कर रही है।” टिकैत ने उत्तर प्रदेश में जिला स्तर पर किसान आंदोलन को बढ़ाने के संकेत देते हुए कहा कि अब गेंहू की तैयार फसल आने वाली है, अगर किसान का गेंहू एमएसपी पर नहीं खरीदा जाता है तो सरकार जिम्मेदार होगी और इसके लिए किसान जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना देंगे।