India-China : External Affairs Minister S Jaishankar meets Chinese counterpart Wang Yi, issues related to LAC in Eastern Ladakh were also discussed
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नयी दिल्ली/मास्को. विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S.Jaishankar) और उनके चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने के संबंध में मास्को में बृहस्पतिवार को बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में सीमा पर उत्पन्न तनाव की स्थिति और दोनों देशों द्वारा सैन्य उपस्थिति बढ़ाए जाने की पृष्ठभूमि में हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच बातचीत रात आठ बजे (भारतीय समयानुसार) के कुछ देर बाद शुरू हुई और कम से कम दो घंटे तक चली। बातचीत का एकमात्र लक्ष्य सीमा पर तनाव को कम करना और गतिरोध के स्थल से सैनिकों की वापसी का था। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है। आशा की जा रही है कि इस बातचीत से करीब चार महीने से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में कुछ सकारात्मक पहल होगी।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘बातचीत का मुद्दा दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव को कम करना और सैनिकों को वहां से वापस बुलाना था।” पिछले एक सप्ताह से भी कम वक्त में दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है। मई की शुरुआत में वस्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। इससे पहले मास्को में ही शुक्रवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी। इससे पहले जयशंकर और वांग के बीच फोन पर 17 जून को बात हुई थी।

उसके दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गये थे। इस झड़प में कुछ चीनी सैनिकों की भी मृत्यु हुई थी, लेकिन उन्होंने अपनी संख्या नहीं बतायी है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, चीन के 35 सैनिक मारे गए थे। आज दिन में जयशंकर और वांग ने आठ सदस्यीय एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था।

द्विपक्षीय वार्ता से पहले दोनों की मुलाकात रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हुई थी। जयशंकर-वांग की बातचीत से दो दिन पहले मंगलवार को भारतीय सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने एक दिन पहले शाम में पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट पर स्थित एक भारतीय चौकी की ओर बढ़ने का प्रयास किया और हवा में गोलियां चलाईं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल के अंतराल में गोली चलने की यह पहली घटना थी।

भारतीय सेना का बयान चीनी सेना के उस आरोप के बाद आया था जिसमें कहा गया था भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पैंगोंग झील के पास ‘‘गोलीबारी की।” भारतीय सेना ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शाम में डिजिटल मीडिया ब्रीफिंग में भारत की स्थिति को दोहराया कि वह मौजूदा स्थिति का शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए हल के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “भारत और चीन दोनों ही स्थिति को सुलझाने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं। यह सहमति तब बनी जब दोनों रक्षा मंत्री मिले थे।”